द लीडर हिंदी : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से टिकट कटने के बाद वरुण गांधी की पहली प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता के नाम भावुकता भरा पत्र लिखा है. वरुण गांधी ने अपने एक्स एकाउंट पर पत्र शेयर किया है. पत्र में वरुण ने लिखा पीलीभीत 1983 में मैं अपनी मां की उँगली पकड़ कर आया जो मेरी कर्म भूमि बनीं. भले ही मेरा राजनैतिक रिश्ता संसदीय कार्यालय पीलीभीत में न रहे लेकिन मैं आप सबके दिलों में रहूंगा. पीलीभीत से मेरा रिश्ता राजनैतिक से ऊपर उठ कर प्रेम विश्वास का है. जो हमेशा बना रहेगा. मैं हमेशा पीलीभीत के लिए काम करता रहूंगा भले ही उसकी मुझे कोई भी कीमत चुकानी क्यों न पड़े. वरुण गांधी के पत्र को लेकर आम जनता से लेकर राजनैतिक पार्टियों में भी दरियादिली की तारीफ हो रही है.
दरअसल बीजेपी ने इस बार वरुण गांधी का टिकट काटकर उनकी जगह जितिन प्रसाद को पीलीभीत से प्रत्याक्षी बनाया है. जिसके बाद वरुण गांधी ने इस पत्र के जरिये जनता के नाम अपना संदेश भेजा है. बता दें वरुण गांधी हमेशा से बेरोजगारी, छुट्टा जानवरो, अग्निवीर जैसे मुद्दों को उठाते रहे. माना जा रहा है यही कारण रहा कि पार्टी ने उनका टिकट काट दिया.
आपको बता दें ये पहला मौका है जब पीलीभीत से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का पिछले 35 साल से चला आ रहा सियासी रिश्ता बुधवार को खत्म हो गया. 1989 के बाद यह पहली बार हुआ कि जब दोनों में से किसी ने भी पीलीभीत सीट से पर्चा नहीं भरा. वही बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटकर यूपी के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है.ऐसे में पीलीभीक की सियासत से वरुण गांधी का सालों पुराना रिश्ता टूट गया. जिस कारण वो भावुक नजर आए.लोकसभा चुनाव नजदीक ऐसे में वरुण गांधी का पत्ता कटना काफी गंभीर मुद्दा रहा.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लेटर पोस्ट करते हुए वरुण गांधी ने कहा है कि वे राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आए हैं, भले ही इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े. पत्र में वरुण गांधी ने पीलीभीत वासियों का आभार भी जताया है