द लीडर : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्य के विधायक, सांसद और मंत्रियों को निशाने पर लिया है. ये कहते हुए कि आज बिहार के जो हालात हैं, उसके लिए मुख्यमंत्री के साथ यहां के 48 सांसद जिम्मेदार हैं. (Tejashwi Nitish Kumar Bihar)
तेजस्वी ने कहा कि राज्य में कोरोना महामारी के साथ चमकी बुखार का खतरा बना है. बाढ़ से पहले ही लोग बेहाल हैं. विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन के कारण श्रमिकों का पलायन. इस सबमें केंद्र का रत्ती भर भी सकारात्मक सहयोग नहीं मिला है. ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार बिहार को देश का अभिन्न हिस्सा ही नहीं मानती है.
बिहार से NDA के 40 में से 39 लोकसभा सांसद,9 राज्यसभा MP,5 केंद्रीय मंत्री है। 16 वर्षों से NDA के CM नीतीश कुमार और दो-दो उपमुख्यमंत्री है फिर भी बिहार वैक्सीन, ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता में सबसे नीचे है।इतनी बेशर्म,विफल,नाकारा व निक्कमी सरकार पृथ्वी ग्रह पर कहीं और नहीं मिलेगी। pic.twitter.com/Zi4x6yf1p0
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 6, 2021
उन्होंने कहा कि जनसंख्या और क्षेत्रफल के साथ-साथ राज्य में गरीबी, बेरोजगारी और पलायन में बिहार देश में अव्वल है. लेकिन बिहार को उस अनुपाल में केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिलता है. और मैं इसका दोषी एनडीए के 48 सांसदों, बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मानता हूं.
बिहार में एनडीए के 39 लोकसभा सांसद है. जबकि 9 राज्यसभा सांसद है. पांच केंद्रीय मंत्री हैं. तेजस्वी ने कहा कि 16 सालों से एनडीए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार है. फिर भी राज्य में वैक्सीन, ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है. यहां तक कि इन पैरामीटर पर राज्य सबसे नीचे है. इतनी बेशर्म, विफल, नारारा और निकम्मी सरकार पृथ्वी ग्रह पर और कहीं नहीं मिलेगी.
विदेशी मदद को लेकर भारत सरकार की सफाई, राज्यों तक पहुंचाई जा रही ऑक्सीजन, कोई कंसाइनमेंट कस्टम पर नहीं रुका
तेजस्वी यादव कोविड महामारी में राज्य सरकार के स्वास्थ्य प्रबंधन और बेरोजगारी के मुद्दे पर लगातार मुखर रहे हैं. वे लगातार अस्पतालों में ऑक्सीजन, दवा और बेड को लेकर आवाज उठा रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को उन्होंने एक बार फिर राज्य और केंद्र सरकार की आलोचना की है.
हाल ही पटना हाईकोर्ट ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सेना के हवाले कर देना चाहिए. कोविड के मद्देनजर विभिन्न राज्यों के हाईकोर्ट राज्य सरकारों को आईना दिखा रहा हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर ऑक्सजीन और स्वास्थ्य सेवाओं पर सुनवाई प्रारंभ की है. इसकी अगली तारीख सात मई नियत है.