तहजीब का ये निसाब जिसे लखनऊ कहते हैं, उसे आबाद रखने को कैसे पूरा शहर डटकर खड़ा हो गया

सुना बुज़ुर्गों से की लखनऊ की तमाम ख़ूबियों में इसकी क़ौमी यकजहती (सामाजिक एकता) सरे फ़ेहरिस्त है. फरमाया जान-ए-आलम ने कि इंसान की शिनाख़्त सिर्फ़ इंसानियत से होती है. दीपू…