उत्तर प्रदेश के मदरसों का सर्वे आज से शुरू, विपक्ष बीजेपी पर हमलावर

The leader Hindi: शनिवार से उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण शुरू होगा. इसको लेकर बीजेपी के खिलाफ विपक्ष पूरी तरह से हमलावर हो चुका है. पहले मदरसे के मुद्दे पर बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा था. अब एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला बीते दिनों लिया था. जिसके बाद अब शनिवार से सर्वे का काम शुरू होगा. राज्य में मदरसों के सर्वे करने की शुरूआत जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अपनी टीम के साथ करेंगे. इनके साथ शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी भी रहेंगे. वहीं यूपी सरकार के निर्देश के अनुसार पांच अक्टूबर तक सर्वे का काम पूरा होगा. जबकि 25 अक्टूबर तक शासन को सर्वे की रिपोर्ट भेजी जाएगी.

वहीं सरकार के इस फैसले पर बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, “मुस्लिम समाज के शोषित, उपेक्षित और दंगा-पीड़ित होने आदि की शिकायत कांग्रेस के ज़माने में आम रही है, फिर भी बीजेपी द्वारा ’तुष्टीकरण’ के नाम पर संकीर्ण राजनीति करके सत्ता में आ जाने के बाद अब इनके दमन और अतंकित करने का खेल लगातार जारी है, जो अति-दुखद और निन्दनीय है.”उन्होंने आगे लिखा, “इसी क्रम में अब यूपी में मदरसों पर बीजेपी सरकार की टेढ़ी नजर है. मदरसा सर्वे के नाम पर कौम के चन्दे पर चलने वाले निजी मदरसों में भी हस्तक्षेप का प्रयास अनुचित है जबकि सरकारी अनुदान से चलने वाले मदरसों और सरकारी स्कूलों की बदतर हालत को सुधारने पर सरकार को ध्यान केन्द्रित करना चाहिए.”

 

इस फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा, “मोदी सरकार के मदरसों के आधुनिकरण की योजना के तहत सिर्फ यूपी में और 50,000 शिक्षकों की कुल ₹750 करोड़ तनख्वाह बकाया है. संसद भवन में मैने ही सवाल उठाया था और पूर्व अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने इस सवाल पर मुझे आश्वासन दिया था कि फंड जल्द तक्सीम कर दिए जायेंगे.”उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “टीचरों की ऐसे हालात का क्या जिम्मेदार मैं हूं? बकाया फंड देने के लिए सरकार को कौन-से सर्वे की जरूरत है? आधुनिकरण के बहाने मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. बीजेपी शासित राज्यों में मदरसों को निशाना बनाया जा रहा है. जब मैंने इसकी मुखालिफत की तो मुझ पर झूठा इलजाम लगा दिया गया कि मैं मदरसों के आधुनिकरण के खिलाफ हूं.”

 

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