द लीडर : उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की मतगणना 2 मई से ही प्रारंभ होगी. सुप्रीमकोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि ये स्पष्ट किया है कि मतणगना स्थल पर अधिकारी, प्रत्याशी और एजेंटों को कोविड टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ही प्रवेश मिलेगा. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को आदेशित किया है कि मतगणना की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखें. (Supreme Court UP Panchayat Elections)
दरअसल, उत्तर प्रदेश निर्वाचन आयोग ने सुप्रीमकोर्ट में कहा है कि वो ये सुनिश्चित करेगा कि कोविड की गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन किया जाए. कोर्ट ने मतगणना दिशा निर्देशों का अनुपालन कराते हुए मतगणना कराने की अनुमति दे दी है. इसी के साथ ये भी कहा है कि कोई भी प्रत्याशी जीत का जश्न नहीं मनाएगा. इसका सख्ती से पालन कराया जाए.
दरअसल, पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले करीब 700 शिक्षक, कर्मचारी और अन्य लोगों की मौत हो चुकी है. इससे नाराज शिक्षक संघ और अन्य संगठनों ने मतणगना टालने की गुहार लगाई थी. इसी शनिवार को ही कुछद संगठनों ने मतगणना के बहिष्कार का ऐलान किया है.
रविवार को राज्य के 829 मतणगना स्थलों पर काउंटिंग शुरू होगी. वहीं, मतगणना से एक दिन पहले कोरोना टेस्ट रिपोर्ट की अनिवार्यता ने प्रत्याशी, एजेंट, अधिकारी और कर्मचारियों के सामने चुनौती पैदा कर दी है. इसलिए क्योंकि रविवार से मतगणना है और इतने कम समय में जांच कैसे संभव होगी.
रविवार को मतगणना से जुड़े पास जारी किए जाए रहे हैं. राज्य के कई जिलों में एजेंटों और प्रत्याशियों से ये कहा जा रहा है कि कोरोना जांच रिपोर्ट की कोई आवश्यकता नहीं है. बिना रिपोर्ट के ही एंट्री मिल जाएगी. पीलीभीत जिले में प्रधान पद के एक प्रत्याशी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ब्लॉक में यही जानकारी दी गई है कि बिना जांच रिपोर्ट के मतगणना स्थल पर एंट्री मिल जाएगी.