कोलकाता रेप मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा ऐक्शन , बनाई नैशनल टास्क फोर्स , 3 हफ्ते में मांगी अंतरिम रिपोर्ट

द लीडर हिंदी : सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार को कोलकाता रेप-मर्डर मामले में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ये सिर्फ एक मर्डर का मामला नहीं है. हमें डॉक्टरों की सुरक्षा की चिंता है. बेंच ने कहा कि महिलाएं सुरक्षा से वंचित हो रही हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की.बता दें 9 अगस्त को कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप हत्या का मामले का कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. ये सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने की.समाचार एजेंसी के मुताबीक कोर्ट ने कहा, “ऐसा लगता है कि अपराध का पता शुरुआती घंटों में ही चल गया था. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने इसे आत्महत्या बताने की कोशिश की.”कोर्ट ने कहा, “अधिकतर युवा डॉक्टर 36 घंटे तक काम करते हैं. हमें कामकाज़ के सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल विकसित करना चाहिए.इसके साथ ही “सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर महिलाएं काम पर नहीं जा पाएंगी और कार्यस्थल पर सुरक्षित नहीं होंगी, तो ऐसा कर हम उन्हें समानता के अधिकार से वंचित कर रहे हैं. कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता ज़ाहिर की कि पीड़िता का नाम मीडिया में हर जगह छप चुका है.सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जब आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल का आचरण जांच के दायरे में था, तो उन्हें तुरंत दूसरे कॉलेज में कैसे नियुक्त कर दिया गया. साथ ही कोर्ट ने कोलकाता पुलिस पर भी सवाल उठाए. उसने कहा कि कैसे हज़ारों की भीड़ आरजी कर मेडिकल कॉलेज में घुस गई.

कोलकाता सहित देश के कई राज्यों में इनदिनों तनाव बना हुआ है. महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर पर आज सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को खूब सुनाया. सीजेआई की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने राज्य सरकार का पक्ष रख रहे कपिल सिब्बल का सामने सवालों की बौछार कर दी.वही कोर्ट ने कड़े शब्दों में पूछा कि बॉडी आठ बजे रात को पैरेंट्स को दी गई और उसके बाद 11 बजकर 45 मिनट पर केस दर्ज क्यों हुआ? कोर्ट ने आगे पूछा कि क्या शुरुआत में मर्डर केस दर्ज नहीं किया गया? कॉलेज के प्रिंसिपल उस समय क्या कर रहे थे? उन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया? हैरानी की बात रही कि ज्यादातर सवालों को लेकर सिब्बल के पास भी जवाब नहीं था.कोर्ट ने इसके साथ एक नैशनल टास्क फोर्स का गठन किया है जिसकी अंतरिम रिपोर्ट तीन हफ्ते में देनी होगी. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 22 अगस्त को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार

बता दें सुप्रीम कोर्ट ने मामले में एफआईआर देरी से दर्ज करने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने पूछा कि अस्पताल प्रशासन क्या कर रहा था.सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य में क़ानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है.मेहता ने कहा, “कोलकाता पुलिस की जानकारी के बिना 7,000 लोगों की भीड़ आर जी कर अस्पताल में प्रवेश नहीं कर सकती.”

कोर्ट ने नैशनल टास्क फोर्स बनाई

देशभर में कोलकाता कांड के चलते आक्रोश है. ऐसे में कोलकाता केस पर सुप्रीम कोर्ट आज पूरी तैयारी के साथ आई थी. सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने नैशनल टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया है.बता दें सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया है. इसका काम डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करना होगा.सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को रेप-मर्डर मामले की स्टेटस रिपोर्ट देने और आरजी कर अस्पताल पर भीड़ के हमले की जांच को लेकर स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. इसकी तारीख 22 अगस्त रखी गई है.कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और घटना स्थल को सुरक्षित रखने की अपेक्षा की गई थी. लेकिन ये समझ नहीं आ रहा कि राज्य ऐसा क्यों नहीं कर सका.कोर्ट ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आरजी कर अस्पताल पर हमला करने वाले उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो.https://theleaderhindi.com/last-rites-of-student-killed-in-stabbing-incident-held-amid-tight-security-in-udaipur/

जानिए नैशनल टास्क फोर्स में कौन-कौन?

कोलकाता केस पर सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने नैशनल टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया है. इस टास्क फोर्स में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं-

➤सर्जन वाइस एडमिरल आर सरिन

➤डॉक्टर डी नागेश्वर रेड्डी

➤डॉक्टर एम श्रीनिवास

➤डॉक्टर प्रतिमा मुर्ति

➤डॉक्टर गोवर्धन दत्त पुरी

➤डॉक्टर सौमित्र रावत

➤प्रोफेसर अनिता सक्सेना, कार्डियोलॉजी विभाग प्रमुख, AIIMS दिल्ली

➤प्रोफेसर पल्लवी सापरे, डीन ग्रांट मेडिकल कॉलेज मुंबई

➤डॉक्टर पद्मा श्रीवास्तव, न्यूरोलॉजी विभाग, AIIMS

➤राष्ट्रीय कार्यदल के पदेन सदस्य: (i) भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, (ii) भारत सरकार के गृह सचिव, (iii) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव, (iv) राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष, (v) राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष

Abhinav Rastogi

Related Posts

बरेली में केलाडांडी का माहौल जांचने पहुंचे डीएम-एसएसपी

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जुमे के दिन जिस केलाडांडी गांव में मस्जिद बनाम विवादित स्थल का तनाज़ा खड़ा हुआ, वहां माहौल का जायज़ा लेने के लिए…

बरेली में बिना रंजिश क्यों क़त्ल किए गए सेना के रिटायर्ड माली

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कैंट के मिलिट्री डेयरी फॉर्म के पास झोंपड़ीनुमा कमरा बनाकर रहने वाले बुज़ुर्ग रिटायर्ड माली की लाश मिली है. तब जबकि उन्हें…