सुप्रीम कोर्ट ने न्यूजक्लिक के संस्थापक की गिरफ्तारी को बताया अवैध, जारी किये ये आदेश

द लीडर हिंदी: न्यूजक्लिक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यों वाली बेंच ने बुधवार को न्यूज़ पोर्टल न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया है. जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी और उसके बाद उन्हें हिरासत में रखे जाना क़ानून की नज़र में अवैध था. अदालत ने ये भी कहा कि पुरकायस्थ की गिरफ़्तारी के समय ये नहीं बताया गया कि इसका आधार क्या था. इसकी वजह से गिरफ़्तारी निरस्त की जाती है.

कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत द्वारा तय की गई मुचलके की राशि को जमा करने के बाद प्रबीर पुरकायस्थ को जेल से रिहा किया जा सकता है.बता दें कि न्यूजक्लिक पर भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से धन लेने का आरोप लगाया गया था.पुरकायस्थ को बीते साल अक्तूबर में चीन से अवैध फ़ंडिंग लेने के आरोपों में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

बतादें प्रबीर पुरकायस्थ के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को हिरासत में लिए जाते समय गिरफ़्तारी का आधार नहीं बताया गया था, जबकि इसकी जानकारी लिखित में दी जानी चाहिए थी.हालांकि, दिल्ली पुलिस की तरफ से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि पुरकायस्थ को बताया गया था कि उनकी गिरफ़्तारी किन आधारों पर की गई है.आपको बताते चले एक समाचार पोर्टल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया में व्यवधान पहुंचाने के लिए ‘पीपल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म’ (पीएडीएस) नामक समूह के साथ साजिश रचने का भी आरोप है.

जानिए क्या है न्यूजक्लिक मामला
दरअसल न्यूज क्लिक एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म है. जिसके ऊपर विदेशी फंडिंग का मामला दर्ज हुआ है. बीजेपी ने चीन का साथ देकर भारत में माहौल खराब करने का आरोप लगाया था. स्पेशल सेल से पहले ईडी भी छापेमारी की कार्रवाई कर चुकी है. ईडी ने जानकारी दी थी कि न्यूज क्लिक को विदेशों से लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई थी. जिसके बाद भाजपा ने आरोप लगाया था कि साल 2005 से 2014 के बीच कांग्रेस को भी चीन से बहुत सारा पैसा मिला. इतना ही नहीं एक रिपोर्ट में भी बताया गया था कि न्यूज क्लिक को विदेशी फंडिंग से 38 करोड़ मिले थे. यह पैसा कुछ जर्नलिस्ट में शेयर हुआ था.

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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