वसीम अख़्तर
द लीडर. फुटबाल का वर्ल्ड कप 2022 ऐसा बाब लिख गया, जो क़िस्से, कहानी, चर्चाओं और मिसालों में हमेशा याद रहेगा. अरब प्रायद्वीप के छोटे से देश क़तर को इतने बड़े आयोजन की मेज़बानी मिलना. इंतज़ाम पर 220 अरब डॉलर की अब तक कि सबसे बड़ी धनराशि का ख़र्च, क़ुरान की तिलावत से आग़ाज़, भारत से भागकर मलेशिया में शरण लेने वाले इस्लामिक विद्वान डॉ. ज़ाकिर नाइक को बुलावा, पहले ही मैच में सऊदी अरब जैसी कमज़ोर टीम से हारने वाली अर्जेंटीना का ख़िताब जीतना ऐसी शानदार पटकथा है, जो भुलाए नहीं भुलाई जा सकेगी. न ही इस फ़ाइनल मुक़ाबले से पहले इसका तसव्वुर मसाला फ़िल्मों के कहानीकारों के ज़हन में रहा होगा. जब मैच अर्जेंटीना की पूरी तरह पकड़ में था, तब फ्रांस के किलियन एमबापे ने वो खेल दिखाया. जो अब से पहले किसी ने नहीं देखा था.
France vs Argentina: फाइनल मुकाबले में मेसी का छाया जादू, 36 साल बाद अर्जेंटीना बना विश्व चैंपियन
रविवार को क़तर के लुसैल स्टेडियम, फ़ाइनल खेलने वाले दोनों देश और टीवी पर जमे दर्शकों की धड़कनें तेज़ हो चुकी थीं. मैच देखने वाले सभी लोगों के दिल मानो जिस्म से निकलकर बाहर आ आएंगे. रिज़ल्ट कुछ भी हो सकता था. किसी के पास ज़ुबान से नतीजा तय करने का वक़्त नहीं था. नज़रें एक टक मैच पर लगी थीं. लियोनल मैसी के शानदार आग़ाज़ के बाद एमबापे अंजाम करने वाले थे, अर्जेंटीना के गोलकीपर एमिलियानो मार्टिनेज़ ने बाज़ी पलट दी. फ्रांस से अप्रत्याशित जीत को छीनकर अपने देश की झोली में डाल दिया. मार्टिनेज़ ने अपनी भविष्यवाणी को सच और मेसी के उस ख़्वाब को पूरा कर दिया, जिसकी ताबीर के लिए उन्होंने अपनी ज़िंदगी के आख़िरी फुटबाल वर्ल्ड कप में जीजान लगा दी थी.
भारत की सरगम कौशल ने जीता मिसेज वर्ल्ड 2022 का ताज, 21 साल बाद क्राउन आया देश के पास
जब फुटबाल के इतिहास का सबसे रोमांचक फाइनल मुक़ाबला खत्म हुआ तो अर्जेंटीना और फ्रांस खिलाड़ियों के साथ दुनियाभर में इस मैच को देख रहे ज़्यादातर लोगों की आंखें छलक आई थीं. बस फ़र्क़ महज़ इतना था कि कोई ख़ुशी से रोया तो कोई हारने के सबब. जहां फ़ुटबाल के सबसे बड़े फुटबाल खिलाड़ी मेसी के हाथ में वर्ल्ड कप की ट्राफ़ी थी तो टूर्नामेंट में आठ गोल करने वाले एमबापे भी ख़ाली हाथ नहीं लौटे थे. 8 गोल करने के लिए उन्हें गोल्डन बूट का ख़िताब मिला. फ्रांस भले ही ब्राज़ील के 60 साल पुराने दो वर्ल्ड कप जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी से चूक गया लेकिन फुटबाल की दुनिया में एमबापे क़तर से ऐसे हीरो बनकर जा रहे हैं, जिन्हें अपने बूते ही मैच पलट देने की क़ूवत रखने वाले बाज़ीगर के तौर पर याद किया जाएगा. फ़ाइनल में उनकी हैट्रिक सुनहरे अल्फ़ाज़ में दर्ज हो गई है. जिन्हें सांत्वना देने के लिए फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को प्रोटोकॉल तोड़कर मैदान पर आना पड़ा.