इरफान जिबरान
अगर आप खान सर को कोस रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप निजी कोचिंग संस्थान या टीचर को नहीं समझते हैं. किसी भी कोचिंग टीचर को गांव, कस्बा, छोटे शहर, शहर और मेट्रो शहर और वहां से आने वाले बच्चों की स्पिरिट की समझ नहीं होगी तो, वो टीचर फ्लॉप हो जाएगा. ऑनलाइन में तो वो बिलकुल ही खत्म हो जाएगा.
मुझसे साल भर पहले ही कई लोगों ने पूछा कि खान सर की GS पढ़ने लायक है या नहीं. उस समय तक मैंने खान सर के बारे में सुना नहीं था तो उन सबको बताने के लिए खान सर के कुछ वीडियो देखे. तब मुझे समझ आया कि खान वनडे एग्जामिनेशन और छोटी-छोटी परीक्षाओं की तैयारी करवाते हैं. मैने ये सलाह दी कि स्टेट PCS या UPSC के स्तर पर खान सर को देखने की जरूरत नहीं है और न ही उस लेवल का वो डिलीवर कर पाते हैं. छोटी-छोटी परीक्षाओं के लिए ठीक हैं.
अब समझिए कि खान सर के मार्केट का आधार क्या है? खान सर का आधार उन सारे बच्चों का है जो स्टेट PCS या सिविल सर्विसेज की तैयारी नहीं करते हैं. मतलब कि सिविल सर्विसेज के अलावा छोटी-छोटी परीक्षाएं जितनी भी हैं, उन सबके बच्चे उनके ग्राहक हैं. ऐसे बच्चों की संख्या करोडों में है.
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इनमें ज्यादातर दूसरे स्तर वाले बच्चे हैं जिनमें अधिकांश की एकेडमिक बैकग्राउंड बहुत लो स्तर होती है. और बहुत से भ्रम के शिकार होते हैं. कह सकते कि उनको किसी भी चीज का बेसिक ज्ञान न के बराबर होता है. और वो सब दक्षिणपंथी विचारधारा के दीवाने टाइप के होते हैं.
खान सर इस बात को बहुत अच्छे से समझते हैं और बच्चों के अनुसार ही चीजों को डिलीवर करते हैं. खान सर को पता है कि खान सर समाज बदलने नहीं निकले है बल्कि पैसा कमाना और तरक्की करना मुख्य ध्येय है. खान सर इस काम मे माहिर हैं. इसलिए कह सकते हैं कि खान सर कमाल के मार्केटर हैं और अपनी इस काबिलियत को जमकर भुना रहे हैं.
पहले खान सर सिर्फ चीन और पाकिस्तान को जमकर धुनते थे और बच्चे खान सर के दीवाने हो गए. खान सर को समझ आ गया कि यह मार्केट भी ठीक है. इसलिए दुनिया भर के मुद्दे पर वीडियो आने लगे तो इसमें भी खूब हिट हुए. खान सर को यह मार्केट भी समझ आ गया, क्योंकि कमाल के मार्केटर हैं.
मुझसे कुछ जानने-पूछने के लिए, विशेषतौर पर जियोपोलिटिक्स के लिए बहुत सारे लोग फोन करते हैं. कई बार खान सर ने यह कहा है….यह जिक्र भी आता है. फ़लस्तीन-इस्रायल के मुद्दे पर मेरे भाई ने फोन किया कि भाई खान सर ऐसा बोल रहे हैं. मैंने कहा कि खान सर टीचर हैं न कि जियोपोलिटिक्स के विशेषज्ञ. इसलिए इस बात को गंभीरता से मत लो. खान सर को टीचर ही रहने दो.
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खान सर की लोकप्रियता की वजह क्या है? खान सर की लोकप्रियता की वजह है भोजपुरी टोन में सरल और सहज भाषा. जिससे UP बिहार के बच्चे अपने आप को आराम से कनेक्ट कर पाते हैं. और कॉन्फिडेंस फील करते हैं और दूसरा पाकिस्तान और चीन की जमकर धुनाई जो उनको सफल राष्ट्रवादी भी साबित करती है. तीसरा कोरोना और उसकी वजह से लगा लॉकडाउन. इस वजह से खान सर खूब लोक प्रियहुए और यूट्यूब के अडानी साबित हुए.
आज खान सर सिर्फ एक टीचर ही नहीं बल्कि बहुत बड़े यूट्यूबर हैं, जिनकी फैन फॉलोइंग बहुत बड़ी है. जिसकी वजह से खान सर लाखों कमा रहें हैं. अब सब खान सर को सिर्फ एक टीचर औऱ यूट्यूबर ही समझें न कि जियोपोलिटिक्स और धर्म के विशेषज्ञ।.
दूसरा, खान सर एक बेहतरीन मार्केटर और प्रबंधक हैं. जिसको कोचिंग के मार्केट की गहरी समझ है. खान सर इकोनॉमिक्स की डिमांड और सप्लाई वाले सिद्धांत के सच्चे फॉलोवर हैं.
(लेखक इरफान जिबरान जियोपॉलिटिक्स पर पैनी नजर रखते हैं. खान सर के विवादित होने पर उन्होंने ये लेख उनके सोशल मीडिया पेज पर प्रकाशित हुआ है.)