Russia-Ukraine war से बिगड़ रहे हालात : दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज रूसी हमले में तबाह, यूक्रेन बोला- हम फिर इसे बनाएंगे

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द लीडर। यूक्रेन में हालात बेहद खराब हो रहे है. रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है. इस हमले में दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज एंटोनोव 225 (Ukraine’s Antonov-225) तबाह हो गया है.

यूक्रेनी रक्षा कंपनी यूक्रोबोरोनोप्रोम ने यह जानकारी दी है. इसे मिरिया के नाम से जाना जाता था जो एक कार्गो प्लेन था. जानकारी के मुताबिक कीव के बाहर चौथे दिन की लड़ाई में रूसी सेना ने इस विमान को तहस नहस कर दिया.

यूक्रेन की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि, रूसी आक्रमणकारियों ने कीव के पास गोस्टोमेल में एंटोनोव हवाई अड्डे पर दुनिया के सबसे बड़े विमान मिरिया को नष्ट कर दिया. यूक्रेनी भाषा में मिरया को स्वप्न कहा जाता है.


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यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए लिखा, यह दुनिया का सबसे बड़ा विमान, एएन-225 ‘मिरिया’ (यूक्रेनी में ‘ड्रीम’) था. शायद रूस ने हमारे मिरिया को नष्ट कर दिया है. लेकिन वे कभी भी एक मजबूत, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक यूरोपीय राज्य के हमारे सपने को नष्ट नहीं कर पाएंगे. हम अपने मकसद में कामयाब होंगे.

यूक्रेन बोला- हम फिर इसे बनाएंगे

यूक्रेन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बताया गया है कि, रूसी आक्रमणकारियों ने दुनिया के सबसे बड़े विमान मिरिया को नष्ट कर दिया है. लेकिन हम इसे फिर बनाएंगे.

हम स्वतंत्र, मजबूत और लोकतांत्रिक यूरोप के सपने को साकार करेंगे. यूक्रेन ने इस विमान की एक तस्वीर भी पोस्ट की है और उसके कैप्शन में लिखा है बेशक वह इस प्लेन को जला सकता है कि लेकिन मिरिया कभी नष्ट नहीं होगा.

एएन -225 मिरिया छह टर्बोफैन इंजनों द्वारा संचालित विमान है. यह 640 टन के अधिकतम टेकऑफ़ भार के साथ उड़ान भर सकता था. यह अब तक का सबसे लंबा और सबसे भारी हवाई जहाज है. इसमें किसी भी विमान की तुलना में सबसे बड़ा पंख भी लगा है.

दुनिया में अनोखा था ये विमान

यूक्रेनी रक्षा कंपनी यूक्रोबोरोनोप्रोम ने अनुमान लगाया है कि, इसके पुनर्निर्माण में करीब 3 अरब डॉलर का खर्च आएगा. इसे बनाने में भी पांच साल लगेंगे. यह विमान पूरी दुनिया में अनोखा था.

84 मीटर लंबा यह विमान 350 टन सामान को 850 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपने गंतव्य तक पहुंचा सकता था. इसका नाम मिरिया रखा गया था जिसे यूक्रेनी भाषा में सपना कहते हैं. हालांकि इसका निर्माण सोवियत काल में वैमानिकी कार्यक्रम के तहत किया गया था.

सोवियत संघ के विघटन के बाद से नहीं उड़ाया गया था विमान

1988 में इसने अपनी पहली उड़ान भरी थी. सोवियत संघ के विघटन के बाद इसे बहुत दिनों तक उड़ाया ही नहीं गया. 2001 में इसका फ्लाइट टेस्ट हुआ जो महज कीव से 20 किलोमीटर तक गया. वर्तमान में इसका संचालन यूक्रेन के एंटोनोव एयरलाइन के पास था. कोविड-19 के दौरान इस विमान की बहुत अधिक मांग हो गई थी.


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यूक्रेन में स्थिति बिगड़ती जा रही

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जैसे-जैसे आगे खिंच रहा है, वैसे-वैसे यूक्रेन में स्थिति बिगड़ती जा रही है. वहां हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. दुकानों में राशन नहीं है, एटीएम में कैश नहीं है, लोगों को खाने-पीने में दिक्कत हो रही है. वहां फंसे लोग दूसरी कंट्री से दूसरे देशों में रहने वाले अपने परिचितों से मदद मांग रहे हैं.

इस बीच भारत में रहने वाले कई यूक्रेनी अपने वतन लौटना चाहते हैं. वह इस मुसीबत के समय में अपने लोगों के साथ रहना चाहते हैं. उनकी मदद करना चाहते हैं. भारत में रह रहे यूक्रेन के कुछ लोगों ने बताया वहां का हाल.

21वीं सदी में ऐसा हो रहा, विश्वास नहीं होता

यूक्रेन की अन्या ने बताया कि, उन्हें अपने देश वापस जाना है. अभी यूक्रेन की उड़ानें रद्द हैं ऐसे में उन्होंने कहा कि, वो यूक्रेन के किसी नजदीक देश में जाना चाहते हैं. वहां से वह अपने घर पहुंच जाएंगी. वह कहती हैं कि यह अविश्वसनीय है कि इस तरह की चीजें 21वीं सदी में हो रही हैं.


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