शरद पवार ने कहा- बीजेपी सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं

द लीडर हिंदी: देश में जहां इनदिनों राममंदिर का मुद्दा गरमाया हुआ है. तो इसी बीच किसान मुद्दा भी छिड़ता नजर आ रहा है. जिसको लेकर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने किसान मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि देश की मौजूदा बीजेपी सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं है. इस देश में उद्योगपतियों का राज है और उनका कर्ज माफ किया जाता है, लेकिन देश की जनता की भूख मिटानेवाले किसानों का कर्ज माफ नहीं किया जाता.

शरद पवार यहीं नहीं रुके इसके आगे उन्होंने कहा देश में गलत आर्थिक नीतियां लागू की जा रही हैं. ऐसी गलत नीतियां अपनाने वाले लोगों को किनारे कर देना चाहिए.दरअसल ये बात शरद पवार ने निपानी में राकांपा पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन एवं नवनियुक्त ग्राम पंचायत सदस्यों का अभिनंदन समारोह के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही.

इस दौरान पवार ने अपने कार्यकाल की बात करते हुए बताया कि जब मैं कृषि मंत्री बना तो मैंने लातूर में एक किसान द्वारा आत्महत्या करने की खबर सुनी. मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिला. उन्होंने कहा कि आप इन किसानों के परिवारों से मुलाकात कीजिए. अगले दिन मैं दिल्ली से नागपुर आया, वहां से किसान के घर पहुंचा. उनसे बातचीत की. वहां पता किया तो पता चला कि कर्ज बोझ से पहले ही लदा था और उसी में सूखे की स्थिति आ गई. कर्जदाता ने किसान के खिलाफ कार्रवाई की और उसका घर नीलाम कर दिया. इस संकट के कारण उस किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी.

शरद पवार ने कहा कि आज भी वही स्थिति हो गई है, जब किसानों का सम्मान नहीं रह जाता है तो वे अपनी जान दे देते हैं. शरद पवार ने आगे कहा कि उस किसान की आत्महत्या के बाद उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जानकारी मिली कि देश में कितने किसानों पर कर्ज है तो पता चला कि 72 करोड़ है. इस बारे में बिना एक पल सोचे 72 करोड़ किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया.

लेकिन आज किसान जब मुसीबत में हैं फिर भी उनकी तरफ कोई नहीं देख रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने कृषि मंत्री के रूप में शपथ ली और अमेरिका से अनाज आयात करने की अनुमति की पहली फाइल आ गई. इस बात ने मुझे चौंका दिया. उसके बाद किसानों के हित में लिए गए निर्णय का परिणाम यह हुआ कि तीन साल में किसानों की स्थिति बदल गई और भारत ने दुनिया के 18 देशों को अनाज निर्यात करना शुरू कर दिया

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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