बरेली में एक मुफ़्ती पर संगीन इल्ज़ाम और हिमायत में भीड़-पढ़ें खबर

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द लीडर हिंदी: एक हफ़्ते के दौरान ही यूपी के ज़िला बरेली में क़िला थाने का ऐसा दूसरा मामला सामने आया है, जो एक संप्रदाय के ही दो पक्षों से जुड़ा है लेकिन संगीन है. वैसे ही जैसे मज़हबी किताबों को जला देने का था और उससे बाक़रगंज में बवाल होते-होते बचा था. नया मामला मस्जिद में इमामत करने वाले संभल के मुफ़्ती हाफ़िज़ स्वालेह हसन से जुड़ा है. उन पर इल्ज़ाम है कि उन्होंने मस्जिद के मदरसे में एक बच्ची के साथ ग़लत हरकत की, जिसे पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज कर लिया है. मामला 25 दिन पुराना है. इसमें सुलह और सफ़ाई के दौर चलते रहे.

जब आपसी कोशिशों नाकाम हो गईं तो मुफ़्ती साहब की हिमायत में पब्लिक एसएसपी दफ़्तर पहुंची. मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान की पार्टी आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल IMC के प्रवक्ता डॉ. नफ़ीस ख़ान के साथ. तब ऑन बिहाफ़ एसएसपी एसपी क्राइम सुनवाई कर रहे थे. उन्हें लोगों ने शपथ-पत्रों के साथ यक़ीन दिलाया कि मुफ़्ती स्वालेह निहायत शरीफ़ और नेक इंसान हैं. ग़लत हरकत तो क्या वो ग़लत निगाह भी नहीं डालते. नज़रें नीची करके चलते हैं. वो मस्जिद के मदरसे में ही 5-6 साल के बच्चों को दीन पढ़ाते हैं. उन पर इल्ज़ाम ग़लत हैं. सच महज़ इतना है कि उन्होंने बच्चों को सबक़ याद नहीं करने पर पहले डांटा और फिर एक डंडा मार दिया. उनमें यह बच्ची भी शामिल थी, जिसकी मां ने मुक़दमा दर्ज कराया है.

इसे तिल का ताड़ बना दिया गया. एसएसपी क्राइम ने कहा है कि वो इस मामले की जांच सीओ टू से करा लेते हैं. अब आपको यह बताते हैं कि एसपी क्राइम से मिलने के बाद द लीडर हिंदी से बात करते हुए मुहल्ले के लोगों और डॉ. नफ़ीस ख़ान ने क्या कहा है. इसके बाद क़िला इंस्पेक्टर ने हमें क्या जानकारी दी है, आपको वो भी बताएंगे. क़िला इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह ने हमसे बात करते हुए कहा कि मुक़दमा दर्ज होने के बाद बच्ची के 164 में बयान भी दर्ज हो गए हैं. उसने घटना का समर्थन किया है. अब इस मामले में गिरफ़्तारी होनी बाक़ी है. उसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.https://theleaderhindi.com/death-toll-of-haj-pilgrims-in-saudi-arabia-reaches-1301-98-indian-citizens-also-included/