THE LEADER HINDI: दिल्ली की एक अदालत ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को 25 मई को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. मलिक को “आतंकवादी” गतिविधियों के लिए धन जुटाने के मामले में सजा सुनाई गई थी.
दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठ गया ,आतंकी यासीन मलिक का कहना है की जो उसका मामला विचाराधीन चल रहा है उस पर सही से जांच नहीं की जा रही है,वह चाहता है कि उसके मामले की सही से जांच पड़ताल की जाए इसलिए वह जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठा गया है। जेल के आलाअधिकारी भी यासीन मलिक से बात करने पहुंचे लेकिन उसने भूख हड़ताल छोड़ने से मना कर दिया.
इससे पहले यासिन मलिक ने 13 जुलाई को दिल्ली के विशेष अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने और गवाहों से खुद ज़िक्र करने की अनुमति मांगी थी. यशीन मलिक ने कहा था इसकी अनुमति न मिलने पर वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जायेगा।
मलिक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अदालत के समक्ष पेश हुआ था ।मलिक ने कहा था कि उसने अदालत में प्रत्यक्ष रूप से पेश होने की अनुमति के लिए सरकार को पत्र लिखा है.
दरअसल यह मामला आठ दिसंबर, 1989 को रुबिया सईद के किडनैपिंग से जुडा हुआ है। केंद्र में उस वक्त बीजेपी-समर्थित वी. पी. सिंह सरकार थी. सरकार ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जकेएलएफ) के पांच आतंकवादियों को रिहा कर दिया था जिसके बाद किडनैपर्स ने रुबिया को आजाद कर दिया था.
इस मामले में यशीन मलिक को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी।
दिल्ली की एक अदालत (Court) ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को 25 मई को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. मलिक को “आतंकवादी” गतिविधियों (Terrorist Activities) के लिए धन जुटाने के मामले में सजा सुनाई गई थी.