हाथरस में मौत का ‘सत्संग’ , भगदड़ केस में एफ़आईआर दर्ज, लेकिन ‘भोले बाबा’ का नाम क्यों नहीं ?

द लीडर हिंदी : हाथरस में मौत के सत्संग ने सभी को दहलाकर रख दिया है. हाथरस में सत्संग भगदड़ कांड में जहां घायल लोगों से मिलने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिला अस्पताल पहुंचे.वही उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार को हाथरस में हुई भगदड़ के मामले में एफ़आईआर दर्ज की है. ये केस सत्संग के आयोजकों के खिलाफ़ दर्ज किया गया है. सत्संग जिस नारायण साकार उर्फ़ भोले बाबा का था, उनका नाम एफ़आईआर में नहीं है. एफ़आईआर में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों को नामज़द किया गया.

बता दें एफ़आईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा105 (ग़ैर इरादतन हत्या), 110 (ग़ैर इरादतन हत्या की कोशिश), 126 (2) (ग़लत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा दिए गए आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत दर्ज की गई है.मंगलवार को सत्संग में हुई भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो गई है और कई लापता हैं.बता दें सत्संग के लिए आयोजनकर्ताओं ने अनुमति मांगते हुए प्रशासन को बताया था कि क़रीब 80 हज़ार लोग सत्संग में हिस्सा लेंगे,लेकिन यहां पहुंचने वालों की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा थी.

एफ़आईआर में कहा गया है कि आयोजकों की तरफ ये कोई मदद और व्यवस्था नहीं की गई.आपको बता दें सत्संग’ करने वाले सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के खिलाफ तीन साल पहले आगरा में भी मुकदमा दर्ज किया गया था. फिर पुलिस ने इस भोले बाबा की गिरफ्तारी की थी. गिरफ्तारी के दौरान अनुयायियों ने हंगामा भी किया, लेकिन पुलिस ने लाठी चार्ज किया था. भोले बाबा पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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