द लीडर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रांत प्रचारकों की चार दिवसीय बैठक शुक्रवार से मध्यप्रदेश के चित्रकूट शहर में शुरू होगी संघ प्रमुख मोहन भागवत इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे.सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मुख्यत: उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में अगले साल होने वाले चुनाव पर चिंतन किया जाएगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS News) की तरफ से गुरुवार को बैठक बारे में दी गई जानकारी के अनुसार. कार्यालय की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है, ‘‘प्रति वर्ष यह बैठक सामान्यतः जुलाई में होती है. यह बैठक कोरोना वायरस के कारण पिछले वर्ष चित्रकूट में आयोजित नहीं हो पाई थी. यह बैठक इस वर्ष चित्रकूट में ही हो रही है.’’
आरएसएस की इस महा बैठक में कोरोना प्रोटोकॉल भी ध्यान रखा है. बैठक में शामिल होने वालों की संख्या को नियंत्रित रखा गया है और साथ ही इसमें कुछ लोग वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे. चित्रकूट में होने वाली इस बैठक में 9 और 10 जुलाई को 11 क्षेत्रों के प्रचारक शामिल होंगे. इसके साथ ही संघ के सातों कार्य विभाग के अखिल भारतीय प्रमुख एवं सह प्रमुख शामिल होंगें.
45 प्रांतों के प्रचारक होंगे शामिल
बैठक में 12 जुलाई को सभी 45 प्रांतों के प्रांत प्रचारक एवं सह प्रांत प्रचारक ऑनलाइन माध्यम से जुड़ेंगे जबकि अगले दिन 13 जुलाई को अलग अलग संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री ऑनलाइन माध्यम से इसमें शामिल होंगे. सूत्रों की मानें तो बैठक में मूल रूप से संगठन के कार्यप्रणाली को लेकर चर्चा होगी. इसमें ज्यादा तर विषय संगठन से ही संबंधित होंगे. इसके साथ ही बैठक में कोरोना काल में वायरस संक्रमण से पीड़ित लोगों की सहायता हेतु स्वयंसेवकों द्वारा किए गए देशव्यापी सेवा कार्यों की भी समीक्षा की जाएगी
कहा जा रहा है कि महाबैठक में संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के प्रभाव का आकलन करते हुए आवश्यक कार्ययोजना पर विचार होगा. विज्ञप्ति में कहा गया कि अनलॉक की प्रक्रिया में धीरे-धीरे सामान्य हो रहे जन-जीवन को देखते हुए संघ शाखाओं के संचालन की समीक्षा तथा योजनाओं पर बैठक में चर्चा की जा सकती है. इस दौरान संघ शिक्षा वर्ग तथा विभिन्न प्रकार के संघ कार्यों का आकलन करते हुए नई योजनाओं पर विचार किया जायेगा.
हालांकि सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मुख्यत: उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में अगले साल होने वाले चुनाव पर चिंतन किया जाएगा. बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज को लेकर भी चर्चा होगी. कश्मीर के साथ ही पीओके, गिलकिट बाल्टीस्तान व अक्साई चीन पर भी बात होगी. माना जा रहा है कि यहां अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग को मुख्य धारा में शामिल करने और इस प्रकार राष्ट्रवाद से जोडने के प्रयास के अलावा देश की शिक्षा नीति पर भी चर्चा होगी.