द लीडर हिंदी : भड़काऊ भाषण देने के मामले में इस्लामिक स्कॉलर मुफ़्ती सलमान अज़हरी क़रीब दो हफ़्ते के बाद गुजरात पुलिस की सलाखों से बाहर आएंगे. कोर्ट ने तीसरे केस में भी उनकी ज़मानत मंज़ूर कर दी है. हेट स्पीच के इल्ज़ाम को लेकर उन पर एक के बाद एक तीन मुक़दमे दर्ज किए गए थे. पहला मुक़दमा जूनागढ़ में हुआ था. उसी के तहत गुजरात की एटीएस मुंबई आई थी. तब उन्हें घाटकोपर स्थित आवास से थाने ले जाकर डिटेन कर लिया गया था. विरोध में उनके समर्थकों की भारी भीड़ थाने पहुंच गई.
रिहाई की मांग को लेकर नारेबाज़ी और हंगामा होने लगा था. समर्थकों की मांग की थी कि नोटिस देने के बाद उन्हें छोड़ा जाए लेकिन आधी रात के बाद पुलिस ने बल प्रयोग करके मुफ़्ती सलमान अज़हरी के समर्थकों को तितर-बितर कर दिया और इस्लामिक स्कॉलर को कोर्ट में पेश करके रिमांड मिलने पर गुजरात ले जाया गया था.
इसके बाद उन पर पहले कच्छ और फिर अरावली ज़िले के मोडासा में मुक़दमा दर्ज कर लिया गया. तीसरा मुक़दमा एससीएसटी एक्ट में हुआ था. इस तरह मुफ़्ती सलमान अज़हरी को दो हफ़्ते तक पुलिस की हिरासत में रहना पड़ा.
इस बीच उनकी रिहाई के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से आवाज़ उठ रही थी. बरेली में दरगाह आला हज़रत, जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा और उसके बाद मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान ने भी अपने जेल भरो आंदोलन के दौरान मुफ़्ती सलमान अज़हरी कि गिरफ़्तारी पर कड़े अल्फ़ाज़ में नाराज़गी ज़ाहिर की थी.
वही अब मुफ़्ती सलमान अज़हरी की रिहाई का रास्ता साफ़ हो गया है. कोर्ट ने 30 हज़ार के मुचलके और कुछ शर्तों के साथ उनकी ज़मानत मंज़ूर कर ली है. वो फिलहाल साबरमती कोर्ट में हैं. देर शाम तक रिहा होकर बाहर आने की उम्मीद है.
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