बलिदान दिवस: फांसी से ठीक पहले भगत सिंह ने लिखा वो खत… जो बन गया इंकलाब की आवाज़

बलिदान दिवस: 23 मार्च का दिन भारत के इतिहास में हमेशा अमर रहेगा. आज ही के दिन, 1931 में भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर ने देश की आज़ादी का सपना दिल में बसाकर मुस्‍कुराते हुए फांसी के फंदे को चूम लिया था. फांसी से कुछ घंटे पहले भगत सिंह अपने साथियों को अपना आखिरी खत लिख रहे थे. उनके दिल में फांसी के डर का एक कतरा भी नहीं था. था तो सिर्फ अपने देश की आज़ादी के लिए सबकुछ लुटा देने का जज्‍़बा. अंग्रेजी द्वारा फांसी पर लटकाये जाने के बाद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु हमेशा के लिए अमर हो गए और भगत सिंह का लिखा वो आखिरी खत देशवासियों के लिए इंकलाब की आवाज़ बन गया.

भगत सिंह का आखिरी खत

जाहिर-सी बात है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना भी नहीं चाहता. आज एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूं. अब मैं कैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता. मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है. क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊंचा उठा दिया है. इतना ऊंचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊंचा मैं हरगिज नहीं हो सकता.

मुस्‍कुराते हुए फांसी के फंदे को चूमा

आज मेरी कमजोरियां जनता के सामने नहीं हैं. यदि मैं फांसी से बच गया तो वे जाहिर हो जाएंगी और क्रांति का प्रतीक चिह्न मद्धम पड़ जाएगा, हो सकता है मिट ही जाए. लेकिन दिलेराना ढंग से हंसते-हंसते मेरे फांसी चढ़ने की सूरत में हिन्दुस्तानी माताएं अपने बच्चों के भगत सिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी.

हां, एक विचार आज भी मेरे मन में आता है कि देश और मानवता के लिए जो कुछ करने की हसरतें मेरे दिल में थीं, उनका 1000वां भाग भी पूरा नहीं कर सका अगर स्वतंत्र, जिंदा रहता तब शायद उन्हें पूरा करने का अवसर मिलता. इसके अलावा मेरे मन में कभी कोई लालच फांसी से बचे रहने का नहीं आया. मुझसे अधिक भाग्यशाली भला कौन होगा. आजकल मुझे स्वयं पर बहुत गर्व है. मुझे अब पूरी बेताबी से अंतिम परीक्षा का इंतजार है, कामना है कि ये और जल्दी आ जाए. तुम्हारा कॉमरेड,  भगत सिंह

  • indra yadav

    Related Posts

    हिजबुल्लाह चीफ की मौत के बाद भी इसराइल के हमले जारी, लेबनान से सटी सीमा पर टैंक तैनात किये

    द लीडर हिंदी: हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद भी रविवार को लेबनान में इसराइल के हमले जारी हैं. लेबनान से सटी सीमा पर इजराइल ने टैंक तैनात…

    दिल्ली में बेखौफ बदमाश ने पुलिसकर्मी को कार से कुचला, फिर 10 मीटर तक घसीटा, मौत

    द लीडर हिंदी: राजधानी में बेखौफ अपराधियों के हौसले बुलंद है. ये बदमाश लगातार शहर में कई वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इनको पुलिस का भी खौफ नहीं रहा.…