द लीडर डेस्क।
बीसीसीआई को अगर अपना करीब 2500 करोड़ का नुकसान बचाना है तो उसे आईपीएल 2021 बाकी बचे हुए मैच इसी साल कराने होंगे। इसके लिये दुनिया और भारत के क्रिकेट कैलेंडर में सितंबर में गुंजाइश दिखती है। ताज़ा खबर ये है कि अब इसे इंग्लैंड में कराने की तैयारी है।
इंग्लैंड से खबर है कि वहां के चार कॉउंटी क्रिकेट क्लब मिडलसेक्स, सरे,वारविकशायर और लंकाशायर आईपीएल के बाकी 31 मैच अपने देश में कराने को तैयार हैं। इंग्लैंड के भी एक दर्जन खिलाड़ी आईपीएल फ्रेंचाइजी का हिस्सा हैं और हाल ही में स्वदेश लौट कर फिलहाल क़वारन्टीन में समय गुजार रहे हैं।
इंग्लैंड में सितंबर के महीने बाकी मैच कराना इसलिए भी मुफीद है कि भारतीय टीम को अगस्त में इंग्लैंड में 5 टेस्ट मैच खेलने हैं। आईपीएल में ज्यादतर खिलाड़ी भारतीय हैं और उन्हें वहां एक महीने और रूकना होगा। इंग्लैंड में फिलहाल तो कोरोना काफी हद तक काबू में है इसलिए दूसरे देशों के खिलाड़ियों को भी वहां जाने में हिचक नहीं होगी।
कोरोना की दूसरी लहर में बिग बब्बल के बावजूद खिलाड़ियों के संक्रमित होने पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) ने आईपीएल 2021 सीजन को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया था। इसके बाद अब बीसीसीआइ प्लान कर रहा है कि इस लीग के बचे हुए मैच सितंबर माह में कराए जाए। इसके ठीक तुरंत बाद आइसीसी टी-20 विश्व कप खेला जाना है।
एएनआइ से बातचीत में बीसीसीआइ के एक अधिकारी ने कहा, “ऐसा क्यों नही हो सकता है। अगर विदेशी खिलाड़ी उपलब्ध रहते हैं और कोरोना की स्थिति थोड़ी सामान्य होती है तो इसे कराया जा सकता है। हम निश्चित तौर पर विश्व कप से पहले बाकी कराने की सोच रहे हैं। विश्व कप से पहले ये एक शो पीस इवेंट भी हो सकता है।”
लीग के चेयरमैन बृजेश पटेल ने भी भाषा से कहा, ‘ हम अगले उपलब्ध समय में इस प्रतियोगिता का आयोजन करने की कोशिश करेंगे ’’
यह घोषणा सनराइजर्स हैदराबाद के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा के कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाये जाने के बाद की गयी। इससे पहले सोमवार को चेन्नई सुपर किंग्स के गेंदबाजी कोच एल बालाजी तथा कोलकाता नाइट राइडर्स के गेंदबाजों संदीप वारियर्स और वरुण चक्रवर्ती के परिणाम भी पॉजिटिव आये थे।
टी 20 वर्ल्ड कप यूएई में संभव
भारत को अक्टूबर में टी 20 विश्व कप की मेजबानी करनी है। अगर हालात न सुधरे तो इसका यहां हो पाना असंभव है इसलिए इसके लिए दुबई, शारजाह यानी यूएई में गुंजाइश देखी जा रही है। आइसीसी भी इसी तरह सोच रहा है।