द लीडर हिंदी : केरल के वायनाड में तबाही का मंजर अभी भी बना है. भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्यों का आज पांचवां दिन है.कुदरत के कहर से तबाह हुए गांवों से मलबा हटाने का काम लगातार जारी है. लोगों की मौत का आंकड़ा 300 के पार हो गया है. अभी भी शवों की तलाश जारी है. वही 300 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. 180 लोगों का इलाज चल रहा है. 90 शिविरों में 9000 से ज्यादा लोगों को जरूरी सामग्री दी जा रही है. मौसम विभाग के मुताबीक केरल में आज भी बारिश का अलर्ट है. सेना ने बताया कि अब वायनाड में मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा. वायनाड में ग्राउंड मैपिंग के लिए केरल प्रशासन की तरफ से ड्रोन मांगे गए थे. इंडियन एयरफोर्स के C130 सुपर हरक्यूलिस एयरक्राफ्ट से चार ड्रोन केरल पहुंच गए हैं.
वही भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया कि आज भी कल की ही तरह विभिन्न जोन्स के लिए अलग-अलग टीमें बनाई जाएंगी. टीमों के साथ वैज्ञानिक और स्निफर डॉग्स भी मौजूद रहेंगे. सेना के अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोग भी राहत और बचाव कार्य में मदद कर रहे हैं.
इस तबाही को लेकर केरल के आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के मुताबीक, हर शव या शरीर के अंग को एक पहचान संख्या दी जाएगी.वही निर्देशों में कहा गया है कि अवशेषों के सभी नमूने, तस्वीरों या वीडियो और शरीर से जुड़ी भौतिक वस्तुओं का भी रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा.
वायनाड भूस्खलन के 4 दिन बाद बचाए गए 4 आदिवासी बच्चे
बतादें इस दुख की घड़ी के बीच वायनाड लैंडस्लाइड के चौथे दिन शुक्रवार को एक अच्छी खबर आई. वन अधिकारियों ने 8 घंटे के ऑपरेशन में एक दूरदराज आदिवासी इलाके से 4 बच्चों समेत 6 लोगों का रेस्क्यू किया. बच्चे एक से चार साल के हैं. पनिया समुदाय का यह आदिवासी परिवार पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा में फंसा था.एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कलपेट्टा रेंज के फॉरेस्ट ऑफिसर हशीस ने बताया- हमने गुरुवार को मां और 4 साल के बच्चे को वन क्षेत्र के पास भटकते देखा. पूछताछ में पता चला कि उसके 3 और बच्चे, उनके पिता भूखे-प्यासे पहाड़ी पर एक गुफा में फंसे हैं.हशीस ने आगे बताया- हमने 4 लोगों की रेस्क्यू टीम बनाई. भारी बारिश के बीच फिसलन भरी और खड़ी चट्टानों से होकर टीम ने 8 घंटे की कोशिश के बाद इन्हें निकाला.