87 साल में पहली बार रणजी ट्रॉफी रद, घरेलू क्रिकेटरों की उम्मीद पर फिरा पानी

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे व भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह के आधिकारिक बयान के अनुसार, भारत के सबसे बड़े घरेलू टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी इस बार नहीं होगा। ऐसा पहली बार होगा कि 1934-35 के सीजन के बाद यह टूर्नामेंट नहीं होगा।

शाह ने शुक्रवार को विभिन्न राज्यस्तरीय संघों को इस संबंध में घोषणा करते हुए लिखा, “आपके [राज्य संघों] की प्रतिक्रिया प्राप्त होने के बाद यह निर्णय लिया गया है।”

उन्होंने यह भी कहा कि “खेल के सुरक्षित संचालन के लिए आवश्यक सावधानियों के आधार पर क्रिकेट कैलेंडर की योजना बनाना कठिन हो गया है,”।

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शाह ने लिखा: “… यह सुनिश्चित करना हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था कि महिला क्रिकेट हो। और मुझे यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि हम विजय हजारे ट्रॉफी [पुरुषों के 50 ओवर के टूर्नामेंट] के साथ सीनियर महिला एक दिवसीय टूर्नामेंट का संचालन करने जा रहे हैं और वीनू मांकड़ ट्रॉफी अंडर -19 भी करेंगे। ”

जय शाह ने आगे लिखा है कि शीघ्र ही इस टूर्नामेंट के बारे में सभी राज्य संघों को सूचित किया जाएगा।

रणजी ट्रॉफी का रद्द होना 800 से अधिक घरेलू क्रिकेटरों के लिए एक बड़ा झटका होगा, जो 2021 में आईपीएल अनुबंध को लेकर उत्साहित रहे हैं।

भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ​​ने कहा: “आजीविका के दृष्टिकोण से, रणजी ट्रॉफी बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई खिलाड़ियों के लिए कुछ मुआवजे के पैकेज तैयार करेगा।”

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