द लीडर : उत्तर प्रदेश के ज़िला रामपुर के घरों में सीढ़ियां लगाकर बिजली चेंकिंग को लेकर चर्चित विद्युत विभाग को अदालत का करेंट लगा है. बिजली के एक हादसे में पैर गंवाने वाले बशीर अहमद को मुआवज़ा न देने पर अदालत ने अधिशासी अभियंता का ऑफिस कुर्क करने का आदेश दिया था. बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीज़न के आदेश पर अमीन ने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता-प्रथम भीष्म कुमार के दफ़्तर को सील कर दिया. (Rampur Electricity Department News)
मामला क़रीब आठ साल पुराना है. बशीर अहमद रापमुर के एक गांव में शादी समारोह में हिस्सा लेने गए थे. जहां 11 हज़ार लाइन का तार टूटा पड़ा था. बशीर अहमद इसकी चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गए और जान पर बन आई. उन्हें बरेली के एक अस्पसताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों को एक टांग काटकर बशीर अहमद की जान बचानी पड़ी.
जान बची तो बशीर अहमद कोर्ट गए और बिजली के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया. 12 नवंबर 2014 को सिविल जज सीनियर डिवीज़न ने की कोर्ट बिजली विभाग को ये आदेश दिया कि वह बशीर अहमद को तीन लाख रुपये का हर्जाना, छह प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ अदा करे. लेकिन बिजली विभाग ने समय पर पूरी रक़म अदा नहीं की, जिसको लेकर बशीर अहमद को दोबारा अदालत का रुख़ करना पड़ा. (Rampur Electricity Department News)
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इसी साल एक अगस्त को उन्हें 4 लाख रुपये हर्जाना दिए जाने की बात कही गई थी. लेकिन इस बार भी रक़म नहीं दी गई. बशीर अहमद की अर्ज़ी पर कोर्ट ने अधिशासी अभियंता प्रथम-भीष्म कुमार का कार्यालय कुर्क करने का आदेश सुना दिया. कोर्ट के आदेश के बाद उनके दफ़्तर को सील कर दिया गया है.
हालांकि कार्रवाई से पहले ही अधिशासी अभियंता अपना दफ़्तर छोड़कर चले गए थे. लेकिन जब उनके ऑफिस में ये कार्यवाही की गई, सरकारी विभागों के साथ ही रामपुर में भी चर्चा में आ गई.
दरअसल, रामपुर के आम लोगों की बिजली विभाग को लेकर तमाम शिकायतें हैं. राजनीतिक दल भी विभाग पर आरोप लगाते रहे हैं. शिकायत ये है कि बिजली विभाग रामपुर में चेकिंग के नाम एक बड़ी आबादी को प्रताड़ित कर रहा है. स्वार से विधायक अब्दुल्ला आज़म भी इन आरोपों को दोहराते रहे हैं. (Rampur Electricity Department News)