द लीडर : यूपी के चुनाव में रामपुर ज़िला ऐसी इबारत लिखने जा रहा है, जिसकी दूसरी मिसाल मुश्किल होगी. सत्ता परिवर्तन के बाद दुश्वार हालात का सामना कर रहे सांसद मुहम्मद आज़म ख़ां बड़ा राजनीतिक दांव चलने जा रहे हैं, जो भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस को भी मुश्किल डाल देगा. मोटे तौर पर तय हो गया है कि आज़म ख़ां जेल में रहते हुए शहर विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे. (Azam Khan Naved Miyan)
फिलहाल इस सीट से उनकी पत्नी डॉ. तज़ीन फातिमा विधायक हैं. आज़म ख़ां ख़ुद रामपुर से ही सांसद हैं. ज़िस तरह से उन पर योगी सरकार में शिकंजा कसा, उससे बाहर आने का तरीक़ा भी यही हो सकता है कि वह फिर से विधानसभा पहुंचें. ज़ाहिर सी बात है कि अगर वह विधायक बनते हैं और सत्ता परिवर्तन होता तो मंत्री भी बन जाएंगे लेकिन उससे पहले उन्हें चुनाव में नवाब ख़ानदान से टकराना होगा.
पूर्व सांसद बेगम नूरबानो एवं मरहूम मिक्की मियां के साहबज़ादे काज़िम अली ख़ां उर्फ नवेद मियां को कांग्रेस ने शहर से उम्मीदवार घोषित कर दिया है. रामपुर में चौंकाने वाली बात यह है कि नवेद मियां के साथ ही उनके बेटे हमज़ा मियां को भी टिकट मिला है. (Azam Khan Naved Miyan)
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वह स्वार सीट से लड़ेंगे, जहां से आज़म ख़ां के बेटे अब्दुल्ला आज़म चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे और उम्र को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद जेल चले गए. अब शनिवार को सभी मामलों में ज़मानत होने के बाद रिहा होकर आ रहे हैं. वह इस बार भी स्वार सीट से ही चुनाव लड़ेंगे.
आपको बता दें कि रामपुर चुनाव की ये लड़ाई काफी दिलचस्प है. इसलिए भी क्योंकि आज़म ख़ान सदर विधानसभा सीट से 9 बार के विधायक रहे हैं. दूसरी तरफ रामपुर नवाब घराने के नावेद मियां स्वार विधानसभा से 3 बार विधायक रहे हैं. अब ये दोनों सदर विधानसभा से आमने सामने होंगे. जबकि स्वार विधानसभा जहां से नावेद मियां विधायक रहे हैं-वहां से 2017 का चुनाव अब्दुल्ला आज़म ने जीता था. इस बार भी अब्दुल्ला स्वार से लड़ेंगे. तो उनके खिलाफ नावेद मियां के बेेटे हमजा मियां मैदान में होंगे. (Azam Khan Naved Miyan)