द लीडर : उत्तर प्रदेश के ज़िला रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी कैंडिडेंट अब्दुल्ला आज़म ख़ान का नामांकन ख़ारिज होने की अफवाह फैलाने के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ़्तार किया है. इस अफवाह का पार्टी ने खंडन किया था. और पुलिस प्रशासन के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें कार्रवाई की मांग की गई थी. (Rampur Abdullah Azam Nomination)
अब्दुल्ला आज़म 2017 में स्वार से विधायक चुने गए थे. लेकिन दो जन्म प्रमाण पत्र को लेकर विवाद पैदा हुआ. और बाद में हाईकोर्ट से उनका निर्वाचन रद हो गया था. इस बार भी उनकी उम्र को लेकर अड़ंगा लगा. बताते हैं उप-निर्वाचन अधिकारी के यहां उनकी उम्र को लेकर बहस भी हुई. आखिर में जांच में उनका नामांकन सही पाया गया.
स्वार सीट से अब्दुल्ला के सामने भाजपा के सहयोगी अपना दल के प्रत्याशी हैदर अली उर्फ हमजा मियां हैं, जिनका ताल्लुक रामपुर के नवाब घराने से है. हमजा मियां पहले कांग्रेस के उम्मीदवार थे, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस का टिकट ठुकराकर अपना दल की उम्मीदवारी कबूल कर ली. (Rampur Abdullah Azam Nomination)
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दिलचस्प बात ये है कि हमजा मियां के पिता नावेद मियां कांग्रेस के टिकट पर ही शहर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. इस शहर सीट से आज़म ख़ान लगातार विधायक चुने जाते रहे हैं.
इस बार का चुनाव इसलिए भी ख़ास है, क्योंकि आज़म ख़ान पिछले करीब 2 साल से जेल में बंद हैं. उनके बेटे अब्दुल्ला और बीवी डॉ. तजीन फातिमा भी लंबे वक़्त तक जेल काटकर ज़मानत पर बाहर हैं. ऐसे में रामपुर नवाब घराने ने भाजपा के सहयोग के सहारे आज़म परिवार को चुनौती पेश की है. (Rampur Abdullah Azam Nomination)
दोनों परिवारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का भी सिलसिला भी रफ़्तार पकड़ रहा है. अब्दुल्ला आज़म नवाब घराने से तो नवाबजादे आज़म परिवार से खुद को खतरा जता रहे हैं. (Rampur Abdullah Azam Nomination)