छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में अगवा किए गए जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया है। पति की रिहाई पर जवान की पत्नी ने सरकार को धन्यवाद कहा है।
CoBRA jawan Rakeshwar Singh Manhas kidnapped by Naxals during Bijapur attack on April 3, has been released by them: Police sources pic.twitter.com/7ikLXFd8Ym
— ANI (@ANI) April 8, 2021
मंगलवार को जारी बयान में छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने कहा है कि शनिवार को सुकमा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद से लापता सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का एक जवान उनके कब्जे में है और उन्होंने जवान की रिहाई के लिए सरकार से मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग की थी।
माओवादियों ने स्वीकार किया था कि मुठभेड़ में उनके चार साथी भी मारे गए हैं। माओवादियों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा था कि तीन अप्रैल को सुरक्षा बल के दो हजार जवान हमला करने जीरागुडेम गांव के पास पहुंचे थे, इसे रोकने के लिए पीएलजीए ने हमला किया। माओवादियों ने बयान में कहा था कि एक जवान को बंदी बनाया गया है। उन्होंने कहा था कि सरकार पहले मध्यस्थों के नाम की घोषणा करे इसके बाद बंदी जवान को सौंप दिया जाएगा, तब तक वह जनताना सरकार की सुरक्षा में रहेगा।
3 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला कर दिया था और उस हमले में सीआरपीएफ के 22 जनवान शहीद हो गए थे। नक्सली जवानों के कई हथियार भी छीनकर ले गए थे। इस हमले के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने बीजापुर जाकर घायल जवानों का हाल जाना था और साथ में यह भी कहा था कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।
कोबरा जवान राकेश्वर सिंह को छोड़ा
नक्सलियों ने CRPF जवान को रिहा कर दिया है। कोबरा जवान राकेश्वर सिंह को छोड़ दिया गया है। 22 जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में आक्रोश है, सवाल ये उठ रहे थे कि क्या राकेश्वर की रिहाई के लिए नक्सलियों पर सर्जिकल स्ट्राइक ही एकमात्र उपाय बचा है?