2024 के बाद भी 12 साल तक रूस के सरताज रह सकेंगे पुतिन

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मास्को।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगर चाहें तो अब 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। उन्होंने सोमवार को एक संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर किए जिससे कि उनका कार्यकाल छह- छह वर्षों तक दो बार बढाया जा सकता है। इसके साथ ही पुतिन को राष्ट्रपति पद पर अन्य दो कार्यकाल तक बने रहने की मंजूरी मिल गई है। यानी 80 साल की उम्र तक । अभी वह 68 साल के हैं।
पुतिन पिछले 9 साल से लगतार रूस की सत्ता के शीर्ष पर हैं। इससे पहले 2004 से 2008 तक भी वही राष्ट्रपति थे। सरकार के लीगल इंफॉरमेशन पोर्टल पर जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन के हस्ताक्षर के बाद अब वह 2024 में वर्तमान कार्यकाल पूरा होने के बाद अगले चुनावों में भी खड़े हो सकेंगे।
पुतिन पहली बार 7 मई 2004 को राष्ट्रपति बने थे। उनका कार्यकाल 2008 में पूरा हुआ था। इसके बाद मेदवेदेव राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे और पुतिन प्रधानमंत्री बने थे। हालांकि, सरकार की असल कमान पुतिन के हाथों में थी। मेदवेदेव के राष्ट्रपति रहने के दौरान राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल कर दिया गया था। इससे पहले यह 4 साल का हुआ करता था। 2012 में एक बार फिर से पुतिन राष्ट्रपति बने और मेदवेदेव प्रधानमंत्री चुने गए। मेववेदेव के कार्यकाल में हुए संशोधन के बाद राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल के लिए कर दिया गया। अब वह अंतरिम व्यवस्था के तहत 2024 तक वह राष्ट्रपति हैं।
75 फीसद मतों से पारित नए संविधान संशोधन ने उन्हें 12 साल और दे दिए हैं। इस विधेयक में रूसी कानून को दुनिया के कानून से ऊपर मानने और समलैंगिक विवाह पर पाबंदी की भी बात है।
पुतिन के राज के दौरान देश में कई बदलाव देखने को मिले। इसके साथ ही राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने खुद को बेहद मजबूत बनाया।
पुतीन ने रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी के जासूस के रूप में विदेश में 15 साल तक काम किया। जब रूस के पूर्व राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने 1999 में अचानक इस्तीफा दिया, तब पुतिन देश के प्रधानमंत्री थे। उस समय लंबित चुनावों के बीच उन्हें कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नामित किया गया।

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