UP Politics: कोरोना को लेकर प्रियंका गांधी ने योगी सरकार से पूछा सवाल, कहा- जिम्मेदार कौन?

0
226

द लीडर : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को योगी सरकार पर कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है.

प्रियंका ने कहा कि इन आंकड़ों को लोगों की जान बचाने की बजाय योगी सरकार एवं नेताओं की छवि बचाने के लिए दुष्प्रचार के माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया गया.

ये भी पढ़ें – दिल्ली में शुरू हुआ ‘जहां वोट वहां वैक्सीनेशन’ कार्यक्रम, जानिए पूरी खबर

‘जिम्मेदार कौन’ के तहत फेसबुक पर पोस्ट किया

उन्होंने योगी सरकार से प्रश्न करने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत फेसबुक पर पोस्ट किया. इसमें यूपी के कई जिलों के श्मशानों और कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार से संबंधित संख्या का हवाला देते हुए दावा किया कि देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश में आंकड़ों को छिपाया गया है.

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी में लोगों ने सरकार से आंकड़ों की पारदर्शिता की आवश्यकता स्पष्ट की थी.

ये भी पढ़ें – यूपी के सभी जिलों में आज से महिलाओं के टीकाकरण के लिए विशेष केंद्र

ऐसा इसलिए जरूरी है कि आंकड़ों से ही पता लगता है. बीमारी का फैलाव क्या है, संक्रमण ज्यादा कहां है, किन जगहों को सील करना चाहिए या फिर कहां टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए. इस पर अमल नहीं हुआ. जिम्मेदार कौन?’’

टीकाकरण के आंकड़ों में आबादी का अनुपात नहीं

उन्होंने दावा किया, ‘‘आज भी टीकाकरण के आंकड़ों की कुल संख्या दी जा रही है आबादी का अनुपात नहीं और उसमें पहली व दूसरी डोज़ को एक में ही जोड़ कर बताया जा रहा है. ये आंकड़ों की बाज़ीगरी है.

कोरोना वायरस से जुड़े तमाम आंकड़ों को केवल सरकारी चैम्बरों में कैद रखा गया एवं वैज्ञानिकों द्वारा पत्र लिखकर इन आकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग के बावजूद भी ये नहीं किया गया.’’

ये भी पढ़ें – मॉनसून की दस्तक से इन राज्यों में होगी झमाझम बारिश, बिहार में बाढ़ का मंडराया खतरा

ये भी पढ़ें – यूपी और दिल्ली समेत देश के बड़े राज्यों में लॉकडाउन की क्या है स्तिथि

जांच के आंकड़ों में भारी हेरफेर की

उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों ने जांच के आंकड़ों में भारी हेरफेर की. सरकार ने कुल जांच की संख्या में आरटीपीसीआर एवं एंटीजन जांच के आंकड़ों को अलग-अलग करके नहीं बताया.

इसके चलते कुल संख्या में तो टेस्ट ज्यादा दिखे, लेकिन वायरस का पता लगाने की एंटीजन टेस्ट की सीमित क्षमता के चलते वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या का सही अंदाजा नहीं लग सका.’’

ये भी पढ़ें – अब सिर्फ लखनऊ, गोरखपुर और  मेरठ में कोरोना कर्फ्यू,सहारनपुर को भी छूट देने का निर्देश

आंकड़ों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया

प्रियंका ने सवाल किया, ‘‘वैज्ञानिकों द्वारा बार-बार मांगने के बावजूद कोरोना वायरस के बर्ताव एवं बारीक अध्ययन से जुड़े आंकड़ों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? केंद्र सरकार आंकड़ों को अपनी छवि बचाने के माध्यम की तरह क्यों प्रस्तुत करती है?’’

उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘क्या इनके नेताओं की छवि, लाखों देशवासियों की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण है? सही आंकड़ें अधिकतम भारतीयों को इस वायरस के प्रभाव से बचा सकते हैं। आखिर क्यों सरकार ने आंकड़ों को दुष्प्रचार का माध्यम बनाया न कि सुरक्षा का?’’

ये भी पढ़ें – Bengal Politics : राजभवन में तैनात कर रखे नातेदार, मोइत्रा के इस आरोप पर राज्यपाल धनखड़ का जवाब

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here