आगरा में सफाई कर्मी की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद परिजनों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में लिया

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द लीडर | यूपी के आगरा में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में वाल्मीकि समाज के युवक की मौत के बाद जबर्दस्त हंगामा हो रहा है. युवक के परिवार से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को आगरा में एक्सप्रेसवे पर हिरासत में लिया गया है. आरोप है कि अरुण कुमार नाम के सफाईकर्मी की पुलिस हिरासत में पिटाई से मौत हुई है. वाल्मीकि समाज से जुड़े अरुण कुमार को पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था. यूपी में चुनाव अगले साल है लेकिन यूपी का सियासी तापमान इस महीने की शुरूआत से ही चढ़ा हुआ है.

हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका 

यूपी पुलिस ने कहा है कि उनको इसलिए रोका गया क्योंकि उनके पास अपेक्षित अनुमति नहीं थी. प्रियंका गांधी वाड्रा और उनके काफिले को लखनऊ में पुलिस ने आगरा जाते समय रोका. पुलिस ने कहा कि आपके पास अनुमति नहीं है, हम आपको अनुमति नहीं दे सकते. प्रियंका ने कहा कि वे कहते हैं कि मैं आगरा नहीं जा सकती. मैं जहां भी जाती हूं वे मुझे रोकते हैं. क्या मुझे रेस्टोरेंट में बैठे रहना चाहिए? सिर्फ इसलिए कि यह उनके लिए राजनीतिक रूप से सुविधाजनक है? मैं उनसे मिलना चाहती हूं, इसमें कौन सी बड़ी बात है? जब मैं पार्टी कार्यालय के अलावा किसी अन्य स्थान पर जाने की कोशिश करती हूं, तो वे (प्रशासन) मुझे रोकने की कोशिश करते हैं…इससे जनता को भी असुविधा हो रही है.

प्रियंका बोलीं- परिवार से मिलकर रहूंगी

हिरासत में लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा कि पुलिस ने मुझसे कहा कि उन्हें जाने की परमिशन नहीं है. प्रियंका गांधी ने कहा कि पुलिस का कहना है कि मैं आगरा नहीं जा सकती. वे मुझे हमेशा रोक देते हैं जब भी कहीं जाती हूं. क्या मुझे रेस्टोरेंट में बैठी रही हूं, क्योंकि यह राजनैतिक रूप से उन्हें सहूलियत दे रहा है. मैं उनसे मिलना चाहती हूं, इसमें क्या दिक्कत है, मैं परिवार से मिलकर ही रहूंगी.

ट्वीट कर बोली प्रियंका गांधी 

मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि अरुण वाल्मीकि की मौत पुलिस हिरासत में हुई. उनका परिवार इंसाफ मांग रहा है. मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं. उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है. प्रियंका ने आगे कहा कि आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं.

16 अक्टूबर को थाने में हुई थी चोरी

जगदीशपुर थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए नगद और 2 पिस्तौल चोरी हुए थे. पुलिस द्वारा ज़ब्त किया गया सामान मालखाने में ही रखा जाता है. पुलिस ने पिछले हफ्ते 24 लाख रुपए और 4 किलो सोना ज़ब्त किया था, जो मालखाने में रख दिया गया था. इसके अलावा बाक़ी कुछ मामलों में भी पुलिस ने जो कुछ जब्ती की, वो सब भी वहीं रखा हुआ था. रविवार 17 अक्टूबर की सुबह जब मोहर्रिर थाने पर पहुंचा और मालखाने को खोलकर देखा तो उसे कुछ शक हुआ.

तहकीकात में चोरी की बात सामने आई. मालखाने से इतनी बड़ी रकम की चोरी की जानकारी मिलते ही हड़कम्प मच गया. आनन-फ़ानन में SP सिटी विकास कुमार समेत पुलिस के कई बड़े अधिकारी थाना पहुंचे. पुलिस ने अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज़ किया. थाने के एसएचओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.

मंगलवार को पुलिस ने सफाईकर्मी को ताजगंज क्षेत्र से पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ने दस लाख रुपये से अधिक बरामद कर लिए थे। इसके बाद और रुपये बरामद करने को पूछताछ की जा रही थी। देर रात पुलिस हिरासत में सफाईकर्मी की हालत बिगड़ गई। इसके बाद पुलिस ने उसे हास्पिटल में भर्ती कराया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सुबह इस घटना पर बवाल हो सकता है इस आशंका के चलते थाने पर पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

महिला पुलिसकर्मियों ने ली प्रियंका संग सेल्फी

लखनऊ से आगरा जाते वक्त पुलिस ड्यूटी में लगी महिला पुलिसकर्मियों से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुलाकात की. इस दौरान महिला पुलिसकर्मियों ने प्रियंका गांधी के साथ तस्वीरें और सेल्फी ली.

5 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए थे

बीते 17 अक्‍टूबर आगरा के एक थाने से 25 लाख रुपये की नकदी चोरी होने के मामले में थाना प्रभारी सहित पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित किया था. आगरा के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपए नकदी चोरी होने के संबंध में अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी), आगरा, राजीव कृष्ण ने लापरवाही बरतने के मामले में थाना जगदीशपुरा के प्रभारी अनूप कुमार तिवारी, सब इंसपेक्टर राम निवास के साथ ही रात में ड्यूटी कर रहे तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था. इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज को जल्द से जल्द चोर को गिरफ्तार कर 25 लाख रुपए जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

परिजनों ने पुलिस पर लगाए आरोप

मालखाने से चोरी के आरोप में पकड़े गए अरुण की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर सवाल उठाए और मारपीट के आरोप लगाए हैं. मां कमला देवी ने दावा किया कि पुलिसवालों ने चोरी का आरोप लगाते हुए पूरे परिवार को उठा लिया था और पिटाई की. अरुण कुछ पुलिसवालों के नाम बता रहा था. नाम उजागर न हो जाएं, इसलिए उसे मार दिया गया. मृतक की पत्नी सोनम ने भी पुलिस पर पिटाई के आरोप लगाए और कहा कि उन पर पैसा लाने का दबाव बनाया जा रहा था. अरुण के छोटे भाई सोनू ने कहा कि, “पुलिस ने अरुण को मारा पीटा, जिससे उसकी मौत हुई है. अरुण की दो बेटियां हैं. सरकार को उनकी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए.”

बहरहाल आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुक़दमा दर्ज़ कर लिया गया है. एसएसपी आगरा ने इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किए जाने की भी जानकारी दी है. एसएसपी ने कहा कि घटना में मुकदमा दर्ज हो चुका है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिसकर्मियों पर आगे कार्रवाई की जाएगी.

सियासी घमासान शुरू

इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने भी योगी आदित्यनाथ की सरकार पर निशाना साधा. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सच छिपाने के लिए पुलिसकर्मियों ने ही सफाईकर्मी की हत्या कर दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा

बसपा की मांग 

बसपा के नेताओं ने घटना की निंदा करते हुए मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपए का मुआवज़ा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. पोस्टमॉर्टम हाउस पर पीड़ित परिवार से मिलने के लिए कई विपक्षी नेता भी पहुंच गए. इसी दौरान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह मीनू की कुछ लोगों से कहासुनी भी हुई.

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