द लीडर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार की सर्वदलीय बैठक में ये साफ किया है कि किसानों के साथ बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला है. और किसानों का मसला बातचीत से ही हल होगा. उन्होंने कहा कि वे किसानों से केवल एक फोन दूर हैं. पिछली बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जो प्रस्ताव दिया था. सरकार उस पर चर्चा के लिए तैयार है.
बजट सत्र से पहले सरकार ने ये सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इसमें राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में तृणमूल के कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय, अकादली दल से बलविंदर सिंह भूंदड़ समेत अन्य दलों के नेता शामिल हुए.
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी पत्रकारों ने पत्रकारों से बात की. और बैठक की जानकारी साझा की. उन्होंने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं. अगर आप तैयार हैं तो हम एक फोन कॉल पर हाजिर होंगे. किसानों को दिया गया प्रस्ताव बरकरार है. ऐसा, प्रधानमंत्री ने दोहराया है.
बैठक में प्रधानमंत्री ने अमेरिका के कैलिफोर्निया में महात्मा गांधी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त किए जाने की भी कड़ी निंदा की है.
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दरअसल, कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बैठक हो चुकी है. इसी 11वीं बैठक में कृषि मंत्री ने किसानों को ऑफर दिया था कि वे चाहें तो कृषि कानूनों को डेढ़ साल तक के लिए होल्ड पर रखा जा सकता है.
एक कमेटी गठित की जाएगी, जो कानूनों पर चर्चा करेगी. किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. ये कहते कि कानून रद होने पर ही वे आंदोलन खत्म करेंगे.
चूंकि बीती 26 जनवरी को किसानों ने जो ट्रैक्टर परेड निकाली थी, उसमें हिंसा हो गई थी. इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे और किसानों को चोटें आई थीं. यहां तक कि यूपी के रामपुर जिले के युवा किसान नवरीत की मौत भी हो गई थी.
इस घटना के बाद आंदोलन के तेवर थोड़े नरम पड़े थे, मगर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत की एक भावुक वीडियो सामने आने के बाद ये और तेजी से बढ़ने लगा है.