द लीडर | महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग तेज होती जा रही है। बुधवार को नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध मार्च निकाल रहे बीजेपी के नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी के अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है।
Mumbai police detain BJP leader Devendra Fadnavis and other leaders of the party as they were carrying out a protest march demanding the resignation of state minister Nawab Malik #Maharashtra pic.twitter.com/EfEM3AytO7
— ANI (@ANI) March 9, 2022
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क्यों लिया हिरासत में
दरअसल, देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी के दूसरे बड़े नेता बुधवार को एनसीपी के नेता और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक के इस्तीफे की मांग को लेकर आजाद मैदान में प्रदर्शन कर रहे थे। दोपहर में मुंबई पुलिस ने देवेंद्र फडणवीस और अन्य बीजेपी नेताओं को हिरासत में ले लिया। बीजेपी नेताओं को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने मेट्रो सिनेमा के पास से बैरिकेड्स भी हटा दिया और रास्ते को ट्रैफिक के लिए खोल दिया।
देवेंद्र फड़नवीस ने लगाए कई गंभीर आरोप
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने किसानों के मुद्दे पर राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार को घेरते हुए उनके बिजली के कनेक्शन काटे जाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस कारण किसानों को आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले ही 23 वर्षीय किसान सूरज जाधव ने फेसबुक लाइव पर आत्महत्या कर ली थी। मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में यह मामला उठाते हुए फड़नवीस ने कहा कि बिजली कनेक्शन कटने से सूरज जाधव को लगा कि अब उसकी फसल पूरी तरह नष्ट हो जाएगी। उसने फेसबुक लाइव पर सरकार को दोषी ठहराते हुए आत्महत्या की।
फड़नवीस के अनुसार, इस सरकार ने सूरज जाधव को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने आश्वासन दिया था कि आपके पास जो कुछ हो, उतना बिल भरो। हम मई तक आपको राहत देंगे। इसके बावजूद कनेक्शन कटने बंद नहीं हुए। सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। किसानों को प्रताडि़त किया जा रहा है। ठाकरे सरकार किसान विरोधी सरकार है। इससे पहले फड़नवीस ने विधानसभा में एक पेन ड्राइव दिखाते हुए कहा कि राज्य सरकार के वकील के कार्यालय में विरोधी दल के प्रमुख नेताओं को फंसाने की साजिश रची जा रही है। फड़नवीस ने यह पेन ड्राइन विधानसभा अध्यक्ष को सौंपते हुए बताया कि इसमें करीब सवा घंटे का वीडियो है, जिसमें विरोधी दल के नेताओं के विरुद्ध रची जा रही साजिशों का पता चलता है।
सीबीआई जांच नहीं होने पर अदालत जाने बात कही
देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा, ”विपक्ष को महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार पर भरोसा नहीं है। अगर विधानसभा अध्यक्ष ने सीबीआई जांच के मेरे अनुरोध को अस्वीकार किया तो हम अदालत में मामले को ले जाएंगे। हमें उन पर (महा विकास अघाड़ी सरकार पर) भरोसा नहीं है। अगर आप (विधानसभा अध्यक्ष) मामले में सीबीआई जांच की अनुमति नहीं देते हैं तो हम कोर्ट जाएंगे।”
शरद पवार का गंभीर आरोप
वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि इस बात की जांत करने की जरूरत है कि राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस की ओर से पेश किए गए वीडियो रिकॉर्डिंग सही हैं या नहीं, जिस पर राज्य सरकार गौर करेगी। उन्होंने कहा कि अगर रिकॉर्डिंग सही है तो इसका मतलब है कि केंद्रीय एजेंसियां फडणवीस के लिए काम कर रही है। क्योंकि उनके पास राज्य सरकार के कार्यालय में 125 घंटे तक वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए इतने संसाधन हैं। पवार ने यह भी कहा कि केंद्रीय एजेंसियां फडणवीस के लिए काम कर रही हैं। बीजेपी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है क्योंकि वे एमवीए सरकार को अस्थिर करने में विफल रहे हैं और अपने नेताओं और मंत्रियों को परेशान करने जैसी रणनीति अपनाई है।
नवाब मलिक पर क्या हैं आरोप
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को दाऊद इब्राहिम मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फरवरी में अरेस्ट किया था। उन्हें 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा गया था। आरोप है कि नवाब मलिक ने हसीना पारकर की एक जमीन जिसकी कीमत 300 करोड़ रुपये थी को महज 55 लाख रुपये में खरीदी थी। नवाब मलिक पर इस पूरे ट्रांजैक्शन में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। उन पर अंडरवर्ल्ड और 1993 बम धमाकों के आरोपियों से संबंध रखने और प्रॉपर्टी खरीदने का भी आरोप है। ईडी ने मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप लगाया था।