लावारिश छोड़ दे रहे लाशें, सिटी मजिस्ट्रेट करवा रही हैं संस्कार

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द लीडर हल्द्वानी

कोरोना लोगों की जान तो ले ही रहा है इसके डर ने आदमी के इंसानियत भी सुखा दी है । जहां कई जगह से मुसलमान के दाह संस्कार में शामिल होने की खबरें आ रही हैं वही ये भी खबरें हैं कि कुछ लोग संक्रमण के डर से अपनों का संस्कार क़रने की बजाय उन्हें लावारिश छोड़ दे रहे हैं। हल्द्वानी में बुधवार को फिर ऐसा देखने को मिला। यहां पांच लाशों का संस्कार प्रशासन ने किया।
हल्द्वानी में इस तरह के किस्से देख कर नगर मजिस्ट्रेट रिचा सिंह ने जिम्मेदारी संभाली है ।


मुक्ति धाम में मौजूद रिचा सिंह ने बताया कि आज भी ऐसे पांच शव हैं। हम संस्कार करने के बाद अस्थियां भी सुरक्षित रख रहे हैं। हो सकता है बाद में ये लोग आएं। उनका कहना था कि हम भी तो इंसान हैं अगर इनके परिजनों उनका साथ छोड़ दिया तो मैं एक महिला होने के नाते खुद इन लोगों की सब उठाकर उनका अंतिम संस्कार करूंगी । रिचा सिंह की मदद के लिए अनेकों संगठन हाथ बढ़ा रहे हैं। हल्द्वानी के राजपुरा घाट में सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह स्वयं पहुंची और लावारिस शवों के अंतिम संस्कार की तैयारी करने में जुट गई ।

हरिद्वार में अंतिम संस्कार का पैकेज 3600 रुपए !

हर तरफ अजीब सा माहौल है। श्मशान घाट लाशों से भरे पड़े हैं ऐसे में अब श्मशान घाटों पर भी पैकेज सिस्टम लागू हो गया है। जी हां यह बात बिल्कुल सोलह आने सच है हरिद्वार के चंडी घाट स्थित श्मशान घाट पर एक मुर्दे को जलाने का पूरा पैकेज सिस्टम बनाया गया है जिसमें 3600 रुपए में शव को जलाने से लेकर तमाम अन्य क्रिया करवाई की जा रही है । हरिद्वार के चंडी घाट स्थित श्मशान घाट पर मुर्दे की लकड़ी मृत शरीर के लिए पंडित राल देसी घी नाई सहित अन्य तमाम सुविधाएं एक पैकेज में मिल रही है।

श्मशान घाट की व्यवस्था संभालने वाले मान सिंह का कहना है कि यहां पर सब संस्कार करने वाले लोगों को एक ही जगह पर सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि लोग शव को जलता हुआ छोड़ जाते हैं। जबकि इस वक्त ज्यादातर बॉडी कोरोना वायरस कि आ रही हैं जिनको जलने में अधिक लकड़ियां लग रही है लेकिन हम दोबारा किसी से पैसे नहीं मांगते।

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