कारगिल विजय दिवस पर बोले पीएम, अग्निपथ का लक्ष्य सेना को युवा बनाना है

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द लीडर हिंदी : 26 जुलाई 1999 का वो दिन हर भारवासी के लिए गर्व का दिन था .जब 25 साल पहले भारत के वीर सपूतों ने पाकिस्तानी सैनिकों के मंसूबों को पस्त करते हुए कारगिल की चोटियों पर तिरंगा फहराया था.वो ऐतिहासिक दिन कारगिल दिवस हर साल 26 जुलाई को कारगिल युद्ध में लड़ने वाले सैनिकों के सम्मान में मनाया जाता है. आज इस मौक़े पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख में हैं. कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने ने कहा, “आज लद्दाख की ये महान धरती कारगिल विजय के 25 वर्ष पूरे होने की साक्षी बन रही है.”प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सेनाओं ने बीते सालों में कई साहसिक निर्णय किए हैं.

सेना द्वारा किए गए ज़रूरी सुधार का एक उदाहरण अग्निपथ योजना भी है. दशकों तक संसद से लेकर अनेक कमिटियों में सेना को युवा बनाने पर चर्चा होती रही है.उन्होंने कहा, ”अग्निपथ का लक्ष्य सेना को युवा बनाना है. अग्निपथ का लक्ष्य सेना को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है.उन्होंने कहा, ”दुर्भाग्य से राष्ट्रीय रक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील विषय को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है. कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं.”प्रधानमंत्री ने कहा कि, ये वही लोग हैं, जिन्होंने सेना में हज़ारों-करोड़ों रुपये के घोटाले करके हमारी सेना को कमज़ोर किया है.

ये वही लोग हैं जो चाहते थे कि एयरफोर्स को कभी आधुनिक फाइटर जेट न मिल पाए.उन्होंने कहा कि शायद कुछ लोगों की मानसिकता ही ऐसी थी कि सेना मतलब नेताओं को सलाम करना, परेड करना. हमारे लिए सेना मतलब है 140 करोड़ देशवासियों की आस्था, 140 करोड़ देशवासियों की शांति की गारंटी और देश की सीमा की सुरक्षा की गारंटी.प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सैनिकों की औसत आयु ग्लोबल औसत से अधिक होना हम सभी की चिंता बढ़ाता रहा है.इसलिए ये विषय सालों तक कई कमिटियों में भी उठाया गया. लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़ी इस चुनौती के समाधान की पहले इच्छाशक्ति नहीं दिखाई गई.