जश्न-ए-आजादी पर बोले पीएम मोदी- आजादी के दीवानों ने आज हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया

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द लीडर हिंदी : आज 15 अगस्त है. देशभर में जश्न का माहौल है. क्योकि भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है.इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया. बतादें ये 11वीं बार है जब पीएम मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया. इस खास मौके पर पक्ष-विपक्ष के नेताओं समेत 6 हजार खास मेहमान भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में महिला सुरक्षा,देश के विकास,बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार समेत तमाम मुद्दों को उठाते हुए सख्त संदेश दिया. उन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के अपने विजन पर भी खुलकर बात की. पीएम मोदी तीसरे कार्यकाल में पहली बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं.वही अपने 103 मिनट के भाषण में मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के दीवानों ने आज हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है. ये देश महापुरुषों का ऋणी है.आजादी के बाद देशवासियों को माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा था. हमने गर्वनेंस के इस मॉडल को बदला.आज सरकार खुद जनता की जरूरतें पूरी कर रही है.कम्युनल सिविल कोड पर बात करते हुए पीएम ने कहा देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है. अब देश को सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है.

इसके साथ ही पीेएम ने कहा- हमारे देश के बच्चों को जाने कैसे-कैसे देशों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है. अगले पांच साल में 75 हजार नई मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी. देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का भाषण विकसित भारत 2047 पर फोकस रहा. इस दौरान पीएम मोदी ने देश में महिला के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि दोषियों के बीच डर पैदा होनी चाहिए. उन्होंने इशारों में कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर पर भी बात की. कोलकाता रेप-मर्डर पर उन्होंने कहा- ऐसे राक्षसों को फांसी पर लटकाया जाए.

आज़ादी के जश्न के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि वो दिन दूर नहीं है, जब भारत इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब होगा. विश्व के बहुत सारे उद्योगपति भारत में निवेश करना चाहते हैं. मैं राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि आप निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीति निर्धारित करें, कानून-व्यवस्था के संबंध में उन्हें आश्वासन दीजिए. राज्यों के बीच निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए.

जानिए पीएम मोदी ने आज अपने संबोधन में क्या कुछ कहा

पीएम ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे देश के लिए मर मिटने वाले हज़ारों वीर सपूतों को याद करने का दिन है. देश उनका ऋणी है और ऐसे हर महापुरुष के लिए हम अपना श्रद्धाभाव अर्पित करते हैं.

इस साल और पिछले कुछ सालों से प्रकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंताएं बढ़ी हैं. इसमें कई लोगों ने अपना परिवार और संपत्ति खोई है. राष्ट्र ने भी नुक़सान झेला है. मैं उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और विश्वास दिलाता हूं कि यह देश संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है.

युवा हों, महिला हों या आदिवासी हों सभी ने ग़ुलामी के ख़िलाफ़ जंग लड़ी है. इतिहास गवाह है कि 1857 स्वतंत्रता संग्राम से पहले भी कई आदिवासी क्षेत्रों मे आज़ादी की लड़ाई लड़ी जा रही थी.

उस समय की आबादी के हिसाब से 40 करोड़ देशवासियों ने वह जज़्बा दिखाया कि वे एक सपना और संकल्प लेकर चलते रहे.

अगर 40 करोड़ लोग ग़ुलामी की बेड़ियों को तोड़ सकते हैं तो देश के मेरे 140 करोड़ नागरिक और परिवारजन हर चुनौती को पार करते हुए समृद्ध भारत बना सकते हैं. हम 2047 में विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं.

बता दें इससे पहले PM मोदी ने सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. 78वें स्वतंत्रता दिवस की थीम विकसित भारत है. इसके तहत स्वतंत्रता के 100वें साल 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है.