द लीडर | अमेरिकी अख़ाबर न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि भारत ने इसराइली स्पाईवेयर पेगासस को ख़रीदा था. अंग्रेज़ी अख़बर द टेलिग्राफ़ में ये ख़बर दी गई है. नरेंद्र मोदी सरकार ने पेगासस की ख़रीद की बात को ना तो स्वीकार किया है और ना ही इसे नकारा है. पिछले साल पेगासस जासूसी सॉफ़्टवेयर के ज़रिए कई देशों में नेताओं, पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के कॉल रिकॉर्ड करने की बात सामने आई थी. इसमें भारत का नाम भी शामिल था. विपक्षी दलों ने इसे लेकर सरकार की आलोचना की थी और जवाब मांगा था. हालांकि, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को ग़लत बताया था.
‘इजरायल एयरोस्पएस कंपनी’ ने बयान जारी कर दी जानकारी
न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत और इजरायल के 2017 के जिस रक्षा सौदे का जिक्र किया है उसके बारे में खणद इजरायल की आईएआई यानी ‘इजरायल एयरोस्पएस कंपनी’ ने बयान जारी कर जानकारी दी थी. अप्रैल 2017 में इजरायल की एसरोस्पेस कंपनी, आईएआई ने इस बारे में वक्तव्य जारी कर इस डील की घोषणा की थी. इजरायल ने इसे अपने पिछले पांच दशक के इतिहास का सबसे बड़ा रक्षा सौदा बताया था. 2 बिलियन डॉलर यानी करीब करीब 16 हजार करोड़ रुपये का ये करार इजरायल ने भारत के लिए मध्यम दूरी की सतह से आकाश में मार करने वाली बराक मिसाइल (एमआरसैम) देने के लिए किया गया था.
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आईएआई ये एमआरसैम मिसाइल भारत की थल सेना और वायुसेना को देने के लिए किया था. इसके साथ साथ ही भारतीय नौसेना के स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत के लिए लंबी दूरी की बराक-8 मिसाइल (एलआरसैम) और रक्षा प्रणाली भी इजरायल दे रहा था. बराक-8 मिसाइल, आईएआई, भारत के रक्षा उपक्रम, डीआरडीओ के साथ मिलकर तैयार कर रहा है. माना जा रहा है कि इस सौदे के लिए जरूरी मिसाइल, रडार और दूसरे सैन्य उपकरण मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही तैयार किए जाएंगे.
भाजपा सांसद ने अपनी ही सरकार पर बोला हमला
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे को खारिज करना चाहिए. इस्राइली कंपनी एनएसओ ने 300 करोड़ रुपये में पेगासस बेचा। प्रथम दृष्टया यह लगता है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय और संसद को गुमराह किया है. क्या यह ‘वाटरगेट’ है?’’ फिलहाल इस मामले पर फिलहाल सरकार की ओर से प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट कर चुका है जांच समिति का गठन
सुप्रीम कोर्ट ने इस्राइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिए भारतीय नागरिकों की कथित जासूसी के मामले की जांच के लिए पिछले साल अक्टूबर में विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था. कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का कथित तौर पर इस्तेमाल किया गया है.
यह ‘लोकतंत्र का अपहरण’ और ‘देशद्रोह का कृत्य’ है
कांग्रेस ने पेगासस डील के खुलासे पर मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया है और मोदी सरकार का ये काम देशद्रोह है.
Shocking new expose in an international publication has now confirmed what we have long asserted
“Modi Govt the deployer & executor of illegal & unconstitutional snooping & spying racket through Israeli surveillance spyware Pegasus & PM Shri Modi is himself involved”
Statement- pic.twitter.com/hXjlgmNDBt
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 29, 2022
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार ने संसद से झूठ बोला था, यह भी कि लोगों को ठगा गया था और नागरिकों से झूठ बोला गया था. हम सदन में जिम्मेदारी तय करेंगे. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने और दंडात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहते हैं.
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से ऐसा कहती आ रही थी, “मोदी सरकार इजरायली निगरानी स्पाइवेयर पेगासस से अवैध और असंवैधानिक जासूसी रैकेट के कर्ताधर्ता हैं. इसमें पीएम मोदी खुद शामिल हैं!” यह एक बेशर्म ‘लोकतंत्र का अपहरण’ और ‘देशद्रोह का कृत्य’ है.
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सभी सिक्योरिटी फीचर्स को हैक करने में सक्षम
सुरजेवाला ने कहा कि स्पाइवेयर पेगासस न केवल व्हाट्स ऐप के साथ-साथ फोन की सुरक्षा को ब्रेक करता है, बल्कि फोन के आसपास की सभी गतिविधियों को पकड़ने के लिए सेलफोन कैमरा और माइक्रोफोन तक भी पहुंचने में सक्षम है, इसके अलावा फोन की सभी सिक्योरिटी फीचर्स को हैक कर सकता है. इसके अलावा यह पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट, टेक्स्ट संदेश और लाइव वॉयस कॉल को सुनने और भेजे गए संदेश को पकड़ने में भी सक्षम है. यह लोगों को झूठे आरोप में फंसाने के लिए नकली कंटेट को भी सेलफोन में प्लांट कर सकता है.
पूर्व PM, CM और मौजूदा केंद्रीय मंत्रियों की हुई जासूसी
कांग्रेस नेता ने अपने आरोपों में दावा किया कि मोदी सरकार ने राहुल गांधी और उनके स्टाफ सदस्यों की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया. कांग्रेस का दावा है कि इस स्पाईवेयर का प्रयोग पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कुमारस्वामी; भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया; भाजपा कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, उनकी पत्नी और कर्मचारी, मंत्री अश्विनी वैष्णव और उनकी पत्नी; केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ओएसडी; ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भी किया गया.
इसके अलावा प्रवीण तोगड़िया और दूसरे नेताओं की भी जासूसी की गई. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के जज; चुनाव आयोग; सीबीआई निदेशक रहे आलोक वर्मा और उनकी पत्नी और परिवार; बीएसएफ के प्रमुख के के शर्मा; बीएसआई आईजी जगदीश मैथानी; रॉ अधिकारी जितेंद्र कुमार ओझा और उनकी पत्नी; भारतीय सेना के अधिकारी – कर्नल मुकुल देव और कर्नल अमित कुमार को भी पेगासस ने निशाना बनाया.
मीडिया घराने भी रहे निशाने पर
कांग्रेस का आरोप है कि पेगासस स्पाइवेयर के टारगेट सूची में वकील, एक्टिविस्ट और यहां तक कि पत्रकार भी शामिल थे. इनमें द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, द मिंट, द वायर, इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, टीवी 18, द ट्रिब्यून, आउटलुक, डीएनए, न्यूजक्लिक, फ्रंटियर टीवी भी शामिल हैं.