रामदेव के पतंजलि तेल ब्रांड जांच में फेल, नेपाल और भूटान ने कोरोनिल की बिक्री रोकी

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द लीडर देहरादून

एलोपेथी चिकित्सको और फार्मा इंडस्ट्री के खिलाफ बेअंदाजी से मोर्चा खोले बैठे रामदेव को झटके पर झटके लग रहे हैं। कोरोना की वैक्सीन के खिलाफ बोलने पर प्रधानमंत्री मोदी जी की चेतावनी के बाद वह वैक्सीन लगाने को तैयार हो गए लेकिन जिस कोरोनिल के लिए वह सबसे लड़ रहे हैं उसे भूटान और नेपाल जैसे देशों भी ने खारिज कर दिया है। अब कोढ़ पर खाज जैसी ताज़ा धमाकेदार खबर राजस्थान से आयी है जहां अलवर में बन रहे उनके तेल के 5 ब्रांड जांच में फेल पाए गए हैं।
राजस्थान में पिछले महीने रामदेव की कंपनी पतंजलि के सरसों तेल में मिलावट की शिकायत पर सीज की गई ऑयल मिल के सभी सैंपल जांच में फेल हो गये हैं। राजस्थान सरकार की ओर से अलवर जिले के खैरथल स्थित सिंघानिया ऑयल मिल से 27 मई को 5 सैंपल लिये गये थे। 14 दिन बाद जांच रिपोर्ट आ गई है।

अलवर की इस सिंघानिया ऑयल फैक्ट्री से बाबा रामदेव की पतंजलि ब्रांड का तेल पैकिंग होकर सप्लाई होता है। यह मिल 2009 से पतजंलि ब्रांड की पैकिंग और सप्लाई करती रही है। मिलावट की शिकायत के बाद 27 मई को जिला कलेक्टर के निर्देश पर गठित टीम ने फैक्ट्री में कार्यवाही की थी।
अलवर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओमप्रकाश मीना ने बताया कि स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम ने 27 मई को खैरथल के ई-60 इंडस्ट्रीयल एरिया स्थित मैसर्स सिंघानिया ऑयल मिल से मस्टर्ड ऑईल पाउच (पतंजलि ब्रांड), मस्टर्ड ऑईल बोतल (पतंजलि ब्राण्ड), मस्टर्ड ऑईल (श्री श्री तत्व ब्राण्ड) तथा मस्टर्ड ऑईल (पार्लियामेन्ट ब्राण्ड) एवं सरसों तेल के 5 नमूने संग्रहित किए गए थे। खाद्य संरक्षा एवं मानक प्रयोगशाला अलवर की जांच रिपोर्ट के अनुसार पांचों नमूने गुणवत्ता अनुसार नहीं पाए गए।
मस्टर्ड ऑयल पाउच (पतंजलि ब्राण्ड), मस्टर्ड ऑयल बोतल (पतंजलि ब्राण्ड), मस्टर्ड ऑयल (श्री श्री तत्व ब्राण्ड) तथा सरसों तेल में अवमानक खाद्य पदार्थ पाया गया तथा मस्टर्ड ऑयल (पार्लियामेन्ट ब्राण्ड) अवमानक एवं मिथ्याछाप खाद्य पदार्थ होना पाया गया है।
जिस कोरोनिल के प्रचार में रामदेव ने अपने राजनीतिक रसूख और पैसे के बल पर सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन तक को उतार दिया उसे पहले भूटान ने फेल किया और कल तो नेपाल सरकार ने भी उसकी बिक्री पर पाबंदी लगा दी। नेपाल में रामदेव के पतंजलि ब्रांड का अपना बाजारी नेटवर्क है। कुछ साल पहले तक हिन्दू राष्ट्र रहे नेपाल में सनातनी ब्रांड के नाम पर पतंजलि ने अच्छी पैठ बनाई है ।
रामदेव की कंपनी पतंजलि ने नेपाल को कोरोनिल की किट भेजी थीं। नेपाल के आयुर्वेद और वैकल्पिक दवा विभाग ने एक आदेश में कहा है कि कोरोनिल की 1500 किट खरीदने के दौरान पूरी उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है। पतंजलि का दावा है कि कोरोनिल कोरोना से लड़ने में मददगार है। नेपाल की सरकार की ओर से जारी किए गए नए आदेश में कहा गया है, कोरोनिल किट में शामिल टैबलेट और नाक में डाला जाने वाला तेल, कोरोनावायरस से लड़ने की दवाओं के समकक्ष नहीं है।नेपाल के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के ऑब्जर्वेशन का भी हवाला दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोनिल कोरोना बीमारी को ठीक कर सकती है। उन्होंने कहा कि नेपाल में कई आयुर्वेदिक दवाएं उपलब्ध हैं, जो लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकती हैं और कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने में भी मदद कर सकती हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक किसी भी ऐसी दवा को मंजूरी नहीं दी है जो कोरोना का इलाज कर सके।
नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पतंजलि के उत्पादों पर आधिकारिक रूप से कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
उधर पतंजलि नेपाल का कहना है कि कोरोनिल किट को नेपाल में अभी तक रजिस्टर नहीं किया गया है जिसकी वजह से इसके व्यावसायिक बिक्री वितरण नहीं होने की जानकारी दी गई है। पतंजलि नेपाल की तरफ से यह किट बड़ी मात्रा में नेपाल सरकार को उपहार स्वरूप दिया गया था। अभी यह व्यवसायिक रूप से बिक्री वितरण नहीं किया जा रहा है, उसके लिए जो भी कानूनी प्रक्रिया है, उसको शुरू कर दिया गया है। अभी सिर्फ नेपाल के स्वास्थ्य मंत्री को उपहार स्वरूप दिया गया था और इसे व्यवसायिक बिक्री वितरण से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए।
नेपाल में स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ कृष्ण प्रसाद पौडयाल ने कहा, ‘‘सरकार ने दवा के खिलाफ कोई औपचारिक प्रतिबंध आदेश जारी नहीं किया है।’’
नेपाल भूटान के बाद दूसरा देश है जिसने कोरोनिल किट के वितरण पर रोक लगाई है। भूटान के ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ने भी देश में कोरोनिल के वितरण को रोक दिया था।

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