द लीडर। भारत सरकार ने जहां कल भारतीय सेना में 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती वाली अग्निपथ स्कीम का ऐलान करके देश को बड़ी सौगात दी है। तो वहीं अब अग्निपथ स्कीम के विरोध में बिहार में बवाल मच गया है।
बक्सर में ट्रेन रोकी गई है। मुजफ्फरपुर और बेगूसराय में सड़क पर आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। युवाओं का कहना है कि, अग्निपथ स्कीम नहीं चाहिए।
बिहार में युवाओं का प्रदर्शन
सेना में भर्ती के लिए मोदी सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके साथ ही कई जगह पर चक्का जाम की खबरें भी है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सैनिकों की भर्ती वाली अग्निपथ स्कीम का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि, भारतीय सेनाओं की विश्व की बेहतरीन सेना बनाने के लिए रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने के बड़ा फैसला लिया है जो है अग्निपथ स्कीम।
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अग्निपथ स्कीम से भारतीय युवाओं को अग्निवीर के तौर पर सेवा का मौका दिया जाएगा। इससे देश की सुरक्षा मजबूत होगी और युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।
देश का हर युवा जीवन में सेना की भर्ती का सपना देखता है। इस अग्निपथ योजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को अन्य क्षेत्रों में जाने के भी अच्छे अवसर मिलेंगे।
करीब 1 घंटे तक खड़ी रही जनशताब्दी एक्सप्रेस
वहीं सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर बिहार के कई शहरों में बवाल देखने को मिला है। मुजफ्फरनगर में भी सड़कों पर हंगामे की सूचना है।
जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 9 बजे भारी संख्या में युवा बक्सर रेलवे स्टेशन पहुंचे और ट्रैक पर हंगामा करने लगे। उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए ट्रैक पर ही बैठ गए। जिससे जनशताब्दी एक्सप्रेस करीब 1 घंटे तक खड़ी रही।
मुजफ्फरपुर और बेगूसराय में भी हंगामा
बिहार के अलग-अलग शहरों में हंगामा शुरू होते ही प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। बक्सर में सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं ने ट्रैन का परिचालन बाधित किया तो वहीं मुजफ्फरपुर में युवा आगजनी पर उतारू हो गए। बेगूसराय में भी हंगामा हो रहा है।
बता दें कि, मुजफ्फरनगर में सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवा बुधवार की सुबह होते ही सेना भर्ती बोर्ड के कार्यालय पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि हंगामा कर रहे युवाओं का कहना है कि, वह पहले से जारी सेना भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए हंगामा कर रहे हैं।
परीक्षा पास करने के बाद भी नहीं मिली नौकरी
युवाओं का कहना है कि, सेना में भर्ती के लिए 2 साल पहले ही शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि, 2 साल से सेना भर्ती कार्यालय का चक्कर लगाकर वह थक गए हैं। लेकिन कोई सही जवाब नहीं दिया जाता है।
उन्होंने इसके लिए कई बार डीएम को भी ज्ञापन सौंपा है। युवाओं ने कहा कि, नौकरी के लिए उनकी उम्र गुजर रही है और सेना में भर्तियां रोक दी गई है। फिलहाल प्रशासन ने लाठीचार्ज कर यातायात को बहाल करने की कोशिश की।
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अग्निवीरों के लिए अच्छा पे-पैकेज
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भारतीय सेनाओं में चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती वाली अग्निपथ स्कीम का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कल ऐलान किया। इस स्कीम से सेनाओं के पास युवा शक्ति होगी। इससे फिटनेस का लेवल और बेहतर हो सकेगा।
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फिलहाल भारत की सेनाओं की औसत आयु 32 वर्ष है। इस स्कीम के लागू होने से यह 24 से 26 वर्ष ही रह जाएगी। यही नहीं सेनाओं को हाई स्किल रिसोर्स भी मिल सकेगा। अग्निवीरों के लिए अच्छा पे-पैकेज मिलेगा।
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अगर अग्निवीर सेवा के दौरान सर्वोच्च बलिदान देता है तो उसके परिवार को करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी। इसके अलावा दिव्यांग होने की स्थिति में 48 लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की जाएगी।
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अग्निपथ मॉडल के तहत सेना में रैंक से नीचे के अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। 4 साल की सेवा में 6 महीने की ट्रेनिंग अवधि भी शामिल है। अग्निपथ के जरिए सेना का हिस्सा बने सैनिकों को प्रति माह 30 हजार से 40 हजार रुपए तक सैलरी मिलेगी।
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योजना रक्षा बलों का खर्च और उम्र घटाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। चार साल के बाद 80 प्रतिशत सैनिकों को कार्यमुक्त कर दिया जाएगा और आगे रोजगार के अवसर मुहैया कराने में सेना उनकी मदद करेगी।
सेना, वायु सेना और नौसेना में 1,25, 364 पद खाली
देश की सेवा कर चुके ऐसे प्रशिक्षित और अनुशासित युवाओं के लिए नौकरियां आरक्षित करने में विभिन्न कारपोरेशंस को भी रुचि होगी। सशस्त्र बलों का शुरुआती अनुमान है कि, अगर योजना के तहत अच्छी खासी संख्या में सैनिकों की भर्ती हुई तो वेतन, भत्तों और पेंशन के मद में हजारों करोड़ रुपए की बचत होगी। रिक्तियां होने की स्थिति में योजना के तहत भर्ती सर्वश्रेष्ठ युवाओं को सेना में बने रहने का अवसर भी मिल सकता है।
सैन्य मामलों के विभाग ने योजना बनाने से पहले आठ देशों के इसी तरह के मॉडल का अध्ययन किया था। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में सशस्त्र बलों में सैनिकों की भर्ती में भारी कटौती की गई है।
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, वर्तमान में सेना, वायु सेना और नौसेना में 1,25, 364 पद खाली हैं। इस अभियान का मकसद सरकार की लागत को कम करने के साथ-साथ हर साल हजारों प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार देना है।
अग्निपथ योजना में क्या है?
– हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा
– साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के युवाओं को ही इस योजना का लाभ मिलेगा
– ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी
– चयनित युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा देने का मौका मिलेगा
– इन चार वर्षों में अग्निवीरों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी
– अग्निवीरों को 30 हजार से 40 हजार महीना सैलरी और अन्य फायदे दिए जाएंगे
– इन दौरान अग्निवीर तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल और इंश्योरेंस कवर पाएंगे
– चार साल पूरे होने के बाद 25 फीसदी को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा
– चार साल बाद जो अग्निवीर बाहर होंगे उन्हें सेवा निधि पैकेज के तहत करीब 12 लाख रुपये एकमुश्त मिलेंगे
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