
द लीडर हिंदी: समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर मुहम्मद आज़म ख़ान सीतापुर और बेटे अब्दुल्ला आज़म हरदोई जेल में हैं. आज उनके बड़े अदीब आज़म ख़ान, बीवी डॉ. तज़ीन फ़ात्मा और बहन निघत अख़लाक़ जेल जाने से बच गई हैं. तीनों ने कोर्ट में सरेंडर किया. जहां से उन्हें अंतरिम ज़मानत मिल गई है. यह वही मामला है, जिसमें गुज़रे दिन एमपीएमएल कोर्ट ने आज़म ख़ान के छोटे बेटे अब्दुल्ला आज़म ख़ान की ज़मानत मंज़ूर की थी. उनके जेल से बाहर आने के लिए ज़मानतियों के वेरीफिकेश वग़ैरा की काग़ज़ी कार्रवाई चल रही है. उससे पहले आज़म ख़ान के परिवार में बाक़ी सदस्यों को भी राहत मिल गई.
2019 में शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में गड़बड़ी का एक मुकदमा दर्ज किया गया था. कस्टोडियन संपत्ति के दुरुपयोग के आरोप में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को पुलिस की क्लीन चिट मिल चुकी थी, लेकिन मामला शासन तक पहुंच गया. तब तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ला के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए. साथ ही मामले की दोबारा जांच शुरू हुई. यह केस रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है। इसमें अब्दुल्ला आज़म को एक दिन पहले ही जमानत दी गई थी। बुधवार को आज़म खां की पत्नी डा ताजीन फातिमा, बेटा अदीब आज़म और बहन निखत अखलाक कोर्ट में सरेंडर करने पहुंची. जहां से उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई.
ज़मानत मिलने पर अदीब आज़म ख़ान और उनकी मां ने भी मीडिया से बात की है. अदीब आज़म ने कहा कि हम बेक़सूर हैं. ऐसे ही आगे भी हमें इंसाफ़ मिलेगा. कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुरादाबाद की सांसद रुचिवीरा भी दिखाई दीं. उन्होंने आज़म ख़ान को लेकर बहुत बड़ी बात कही है कि आजम खां देश के बड़े सेक्युलर राजनेता हैं. आजाद भारत में उनके परिवार के साथ बड़ा अन्याय हुआ है. आजम खां और उनके पूरे परिवार पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं.