द लीडर हिंदी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश बड़ी आबादी वाला प्रदेश है. यहां की जनसंख्या करीब 25 करोड़ के करीब है. इतनी बड़ी आबादी वाले इस प्रदेश में कई गांव ऐसे हैं जहां की तस्वीर कुछ और ही हालात बयां करती है. लेकिन सीएम योगी पूरी कोशिश कर रहे है कि, जल्द ही प्रदेश के सभी लोगों को मूलभूत सुविधाओं संग ऐसी सुविधाएं भी मिले जिसकी जनता चाहत रखती है. इसी कदम में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. इसके तहत ग्रेटर नोएडा के 14 गांवों को स्मार्ट बनाने की पहल योगी सरकार ने शुरू कर दी है.
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अब मॉर्डन बनेंगे गांव, दूर होंगी परेशानियां
बता दें कि, इन दिनों यूपी के कई जिलों में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. इसके साथ ही सीएम योगी खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर पीड़ितों का हाल जान रहे हैं और उन्हें राहत सामग्री बांट रहे हैं. लेकिन अब सरकार राज्य के कई गांवों को मॉर्डन गांव बना रही है. जिससे न सिर्फ वहां के लोगों की परेशानियां खत्म होंगी बल्कि गांव की तस्वीर ही बदल जाएगी. बता दें, यूपी के गौतम बुद्ध नगर जिले का मायचा गांव अब प्रदेश का एक मात्र स्मार्ट विलेज बनने जा रहा है.
14 गांवों का होगा कायाकल्प
गुरुवार को ग्रेनो अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट का फीता काटकर शुभारंभ भी किया. बता दें कि, मायचा के साथ-साथ 14 और गांवों की भी जल्द ही तस्वीर बदल जाएगी. यहां न सिर्फ पानी और बिजली मिलेगी बल्कि अब यहां फ्री वाई फाई सेवा का लाभ भी लोग उठा पाएंगे. इसके साथ ही बच्चों को भी फ्री वाई फाई सेवा से पढ़ाई में काफी हद तक मदद मिलेगी.
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वहीं सीएम योगी का कहना है कि, इस गांव के बाद जल्द ही अन्य गांवों का भी कायाकल्प किया जाएगा. बता दें कि, ग्रेनो प्राधिकरण ने शहर की तर्ज पर पहले चरण में 14 गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित करने का ऐलान किया है. इन गांवों में मायचा, छपरौला, सादुल्लापुर, तिलपता-करनवास, घरबरा, चीरसी, लडपुरा, अमीनाबाद उर्फ नियाना, सिरसा, घंघोला, अस्तौली, जलपुरा, चिपियाना खुर्द तिगड़ी और यूसुफपुर चकशाहबेरी गांव शामिल हैं. वहीं इनके साथ अन्य गांवों का भी स्वरूप बदल दिया जाएगा.
कोरोनाकाल में बिगड़े हालात अब सुधरेंगे
कोरोनाकाल में जहां एक तरफ लोगों का आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई. वहीं अब धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था पटरी पर आनी शुरू हो गई है. लेकिन अभी भी कोरोना का खतरा बरकरार है. ऐसे में अब योगी सरकार प्रदेशवासियों को ज्यादा राहत देने जा रही है. इसके लिए सरकार गौतमबुद्ध नगर के मायचा गांव समेत 14 गांवों का स्वरूप बदल रही है. इसके साथ ही ग्रामीणों को अब पानी, बिजली, फ्री वाईफाई, निजी स्कूलों की तरह अपग्रेडेड सरकारी स्कूल, लाइब्रेरी और पार्क जैसी सुविधाएं दे रही हैं. बता दें कि, स्मार्ट विलेज प्रोजेक्ट पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके साथ ही पहले चरण में पायलट प्रॉजेक्ट में शामिल गांवों के विकास के लिए 67.59 करोड़ रुपये से कार्य शुरू हो गए हैं. वहीं गांवों के विकास के लिए 62.45 करोड़ का बजट तैयार किया जा रहा है. जिससे गांव में सभी तरह की सुविधाएं दी जा सकें.
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ग्रामीणों को मिलेंगे ये सभी सुविधाएं
बता दें कि, इन गांवों के कायाकल्प के लिए सड़कें, ड्रेनेज, सीवरेज, जलापूर्ति और बिजली के कार्य किए जाएंगे, इसके साथ ही सामुदायिक केंद्र, पंचायत घर और प्राथमिक विद्यालय का भी विकास किया जाएगा. वहीं हॉर्टिकल्चर और लैंड स्कैपिंग के कार्य भी किए जाएंगे, फ्री वाईफाई की सुविधा के साथ खेल के मैदान का विकास और तालाबों का संरक्षण, सौर ऊर्जा का संरक्षण के साथ कूड़े का उचित प्रबंधन और अहम कार्य गांवों के युवाओं को हुनरमंद बनाकर रोजगार के लिए प्रेरित करना है. जिससे गांव का विकास तो होगा ही. इसके साथ ही युवाओं को रोजगार मिलेगा. और प्रदेश से बेरोजगारी दूर होगी. योगी सरकार ने इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए एक साल का लक्ष्य रखा है.