बरेली दंगे के मास्टर माइंड मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी,13 मार्च तक पेश होने के आदेश

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द लीडर हिंदी : वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के तहख़ाने में पूजा की इजाज़त के बाद से मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान फ़ायर हैं. वो बोलते पहले भी रहे हैं लेकिन इस बार उनके लफ़्ज़ों का दायरा बहुत बड़ा हो गया है. मुसलमानों के मुद्दे पर वो सभी पर बरस रहे हैं. यह कहकर कि जब हमारे साथ खुली नाइंसाफ़ी हो रही है तो आज़ाद रहने का मतलब नहीं बचा, हमें गिरफ़्तार करके जेल में डाल दिया जाए. गिरफ़्तारी देने का एलान और फिर उस दिन पुराना शहर के इलाक़े में टकराव हो जाने से वो भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, पूर्व वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल के निशाने पर हैं. राजेश अग्रवाल बहुत ही सलीके़ से मौलाना के लिए बहुत कुछ कह गए थे. प्रेस कांफ्रेंस करके इशारा भी कर दिया था-मौलाना पर क्या कार्रवाई होने जा रही है. मौलाना ने इसका जवाब भी दिया था.

व्यापारी भी मौलाना के ख़िलाफ़ मुखर हो चुके हैं. गिरफ़्तारी की मांग लेकर महामंडलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद पशुपति तो वृंदावन से बरेली आ गए थे.नतीजा यह हुआ कि मौलाना पर शिकंजा कस गया. अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय प्रथम रवि कुमार दिवाकर स्वतः संज्ञान लेने के बाद 2010 में बरेली में हुए उस दंगे के लिए, जो जुलूस-ए-मुहम्मदी के दौरान 14 साल पहले भड़का था, मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को मास्टर माइंड घोषित कर चुके हैं. समन जारी कर उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए कहा था, नहीं हुए तो दूसरी तारीख़ पर उन्हें फरार मानकर ग़ैर ज़मानती वारंट NBW जारी कर दिया है. इसे तामील कराने का आदेश सीओ प्रथम को दिया है.

समन तामील नहीं करा पाने के लिए इंस्पेक्टर प्रेमनगर कार्रवाई की ज़द में हैं. कोर्ट उनके ख़िलाफ़ एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान को दंडात्मक कार्रवाई के लिए लिख चुकी है. यह कहते हुए कि स्पष्ट हो रहा है कि पुलिस प्रशासन मौलाना तौक़ीर रज़ा का सहयोग कर रहा है. अब इस मामले में मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान के साथ पुलिस भी दबाव में है. एक दिन का वक़्त बचा है, सीओ प्रथम संदीप सिंह आल इंडिया इत्तेहाद-ए-काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को ग़ैर ज़मानती वारंट तामील करा पाएंगे कि नहीं या फिर मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को हाईकोर्ट से कोई राहत मिल जाएगी

उत्तर प्रदेश के बरेली में 2010 में हुए दंगे के मुख्य आरोपी करार दिये जाने वाले मौलाना तौकीर रजा खान को कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. कोर्ट ने तौकीर रजा को गिरफ्तार कर 13 मार्च तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश जारी किया गया है. एडीजे प्रथम फास्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने CO (प्रथम) संदीप सिंह को तौकीर रजा की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं.

बता दें इससे पहले कोर्ट ने 11 मार्च को तौकीर रजा को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था. तौकीर रजा के केस को देख रहे प्रेमनगर इंस्पेक्टर आशुतोष रघुवंशी के खिलाफ भी कोर्ट ने एक्शन लिया है. तौकीर रजा को समन तामील न कराने को लेकर कोर्ट ने प्रेमनगर इंस्पेक्टर के खिलाफ दंडात्मक और विभागीय कार्रवाई के एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान को आदेश दिया है. मिली जानकारी के मुताबीक तौकीर रजा अपने परिवार के साथ फरार है.

जानिए पूरा मामला
बतादें बरेली के एडिशनल सेशन जज फास्ट ट्रैक ने ने साल 2010 में हुए दंगे का मुख्य मास्टरमाइंड मानते हुए आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां के खिलाफ नॉन बेलेबल वारंट जारी कर 13 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है. दरअसल बरेली के प्रेम नगर थाना इलाके में मार्च 2010 में ईदमिलाद उल नवी के जुलूस के दौरान दंगा भड़क गया था. जिसमें पुलिस चौकी सहित दर्जनों दुकान और घरों को आग के हवाले कर दिया गया था. साथ ही उनमें तोड़फोड़ कर लूटपाट की गई थी. उस समय आरोप लगा था कि हिंदू इलाके से जुलूस निकालने को लेकर आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने मंच से भड़काऊ भाषण दिया था.

जिसके बाद इलाके में दंगा भड़क गया था. कुतुबखाना बाजार चौराहे के पास सब्ज़ी मंडी में दंगाइयों ने करीब 20 दुकानों में आग लगा दी थी. शहर के सभी स्कूल, कॉलेज बंद करने के आदेश दे दिए गए थे और उपद्रवग्रस्त इलाकों में हेलीकॉप्टर से निगरानी की गई थी.पूरे मंडल में इससे सांप्रदायिक सौहार्द खतरे में पड़ गया था. कई दिन तक कर्फ्यू लगा था.इसी मामले में कोर्ट ने आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा को दंगे का मुख्य साजिशकर्ता माना है. इसके बाद तत्कालीन प्रेम नगर थाने के प्रभारी निरीक्षक की तरफ से 178 नामदर्ज और हजारों अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

मौलाना तौकीर रजा की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी भी साथ
मिली जानकारी के मुताबीक इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को सुरक्षा के लिए 2 पुलिसकर्मी मिले हुए हैं. कोर्ट के आदेश के बाद से तौकीर रजा अपने परिवार सहित फरार चल रहा है. साथ ही तौकीर रजा की सुरक्षा में लगे दोनों पुलिसकर्मी भी उन्ही के साथ बताए जा रहे हैं. ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले एडीजे प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने तौकीर रजा को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं.अगर मौलाना 13 मार्च तक पेश नहीं होते तो उनकी मुश्किलें और भी बढ़ सकती है.

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