द लीडर : त्रिपुरा के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा के विरोध में सामाजिक और छात्र संगठन सड़कों पर उतर आए हैं. शुक्रवार को विभिन्न संगठनों ने दिल्ली के त्रिपुरा भवन के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. जहां से दर्जनों एक्टिविस्टों को हिरासत में लिया गया है. स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑग्रेनाइजेशन ऑफ इंडिया (SIO)ने इसकी निंदा की है. आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ अभद्रता और धक्का-मुक्की की है. (No Action Tripura Rioters)
त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, शाहीन बाग, गुजरात के गंगापुर, असम में प्रोटेस्ट हुए हैं. एसआइओ के मुताबिक त्रिपुरा से अब तक जो सूचना जुटाई गई है. उसमें 27 घटनाओं की पुष्टि हुई है. जिनमें 16 मस्जिदों में तोड़फोड़ की गई. हिंदुत्ववादी भीड़ ने मुसलमानों के घर-दुकानों को निशाना बनाया है.
मुसलमानों केघरों पर विश्व हिंदू परिषद ने भगवा झंडा लगा दिए हैं. अनाकोटी जिले की पाल बाजार मस्जिद, गोमती जिले की डोगरा मस्जिद और विशालगढ़ जिले की नरूला टीला मस्जिद, इन तीनों मस्जिदों में आग लगाई गई है.
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एसआइओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुहममद सलमान अहमद ने कहा, जिन इलाकों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की है. वहां कोई कार्रवाई नहीं की गई. बल्कि इन घटनाओं के खिलाफ जो एक्टिविस्ट या पत्रकार बोल रहे हैं. उन्हें धमकाया जा रहा है. सरकार और पुलिस ने चंद खास जगहों पर फोर्स तैनात करके स्थिति सामान्य होने पर भरमाया जा रहा है. (No Action Tripura Rioters)
फ्रेटरनिटी मूवमेंट के अध्यक्ष शमसीर इब्राहीम ने कहा, सरकार से हमारी अपील है कि राज्य में अतिशीघ्र शांति बहाल की जाए. मस्जिदों में हुए नुकसान की भरपाई करें. और मुसलमानों को सुरक्षा दी जाए. राज्य में आतंक फैलाने वालों पर कठोर एक्शन लिया जाए. ताकि राज्य में कानून का राज स्थापित रह सके.
त्रिपुरा में पिछले 21 अक्टूबर से हालात चिंताजनक बने हुए हैं. मस्जिद, दुकान और मकानों पर हमलें की खबरें आम हैं. इसको लेकर राज्य के आइजी कानून व्यवस्था सौरभ त्रिपाठी का एक बयान भी सामने आ चुका है. जिसमें वह हालात नियंत्रित होने का दावा करते हैं. लेकिन राज्य से जो वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, वो पुलिस के दावों पर सवाल खड़े करती हैं.
एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने त्रिपुरा में मुसलमानों के खिलाफ क्रूरता को लेकर सरकार पर निशाना साधा था. राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष ने भी राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की निंदा की थी. (No Action Tripura Rioters)

पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी के नेतृत्व में मुस्लिम समुदाय ने त्रिपुरा हिंसा के खिलाफ विरोध दर्ज कराया और पुतले फूंके.