पूजा खेडकर केस में नया खुलासा, विकलांगता सर्टिफिकेट सही, पुणे के अस्पताल ने कहा….

द लीडर हिंदी : पिछले कछ दिनों से विवादों की चर्चा में घिरी ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेड़कर मामले में अब नया मोड़ आता दिख रहा है.पूजा खेड़कर के विकलांगता सर्टिफिकेट को लेकर नए तथ्य सामने आए हैं. पूजा खेडकर पर फर्जी विकलांगता सर्टिफिकेट लगाने का आरोप था.अब इसे लेकर एक नया खुलासा हुआ है. यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल की आंतरिक जांच में पाया गया है कि सर्टिफिकेट जारी करने में कोई गड़बड़ी नहीं हुई. अस्पताल ने पुष्टि की है कि पूजा को 7% लोकोमोटर विकलांगता सर्टिफिकेट के 2022 में जारी किया गया. इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई है. यह सर्टिफिकेट विकलांगता से संबंधित सरकारी नियमों के अनुसार जारी किया गया था.मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में पूजा को 23 जुलाई तक पहुंचना था, लेकिन वे नहीं पहुंचीं.

पूजा का मोबाइल फोन भी बंद है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबीक पूजा ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है. पुणे पुलिस ने बताया कि उनके पास पूजा की कोई जानकारी नहीं है और उनका फोन भी बंद है.YCM अस्पताल के डीन डॉ राजेंद्र वाबले ने कहा, “आंतरिक रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि हमारे फिजियोथेरेपी और ऑर्थोपेडिक विभागों द्वारा गहन मूल्यांकन के बाद प्रमाण पत्र जारी किया गया था और आयोजित चिकित्सा परीक्षण नियमों के मुताबीक थी और इसमें कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई.” हालांकि उन्होंने यह भी साफ कहा कि प्रमाण पत्र से शिक्षा या रोजगार में कोई लाभ नहीं मिलेगा.

जानें पूजा खेड़कर के विकलांगता सर्टिफिकेट में क्या थी गड़बड़ी?
बतादें विकलांगता प्रमाण पत्र में पूजा खेडकर का पता ‘प्लॉट नं. 53, देहू आलंदी रोड, तळवडे, पिंपरी चिंचवड, पुणे’ लिखा था, जबकि इस पते पर कोई घर नहीं बल्कि एक फैक्ट्री है. सरकारी नियमों के अनुसार विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है, लेकिन पूजा के प्रमाण पत्र में राशन कार्ड संलग्न था. UPSC में विकलांगता कोटा से चयनित होने के बाद पूजा के कई विकलांगता प्रमाण पत्र सामने आए. दिल्ली में मेडिकल जांच के लिए कई नियुक्तियां लेने के बाद उन्होंने निजी अस्पताल की रिपोर्ट UPSC को सौंपी.https://theleaderhindi.com/delhi-liquor-policy-kejriwal-in-trouble-again-judicial-custody-extended-till-august-8-on-this-case/

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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