दिल्ली | दिल्ली कि केजरीवाल सरकार और केंद्र कि मोदी सरकार के बीच नोक झोक लगी रहती है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर, दिल्ली सरकार के लिए एक बड़ी बाधा बानी रहती है। इसी बीच एक नए बिल के पास हो जाने के बाद नया बवाल खड़ा होगया है। इस बिल के पास होजाने के बाद लोग इसको केजरीवाल सरकार पर नहीं बल्कि लोकतंत्र पर हमला बोल रहे है।
ध्वनि मत से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक, 2021 (Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2021) पास कर दिया गया। अब तक दिल्ली की विधानसभा सिर्फ तीन मामलों में कानून नहीं बना सकती है, पुलिस, शांति-व्यवस्था और भूमि लेकिन इस विधेयक के कानून बनते ही अब हर कानून के लिए उसे उप-राज्यपाल से सहमति लेनी होगी। वह किसी भी विधेयक को क़ानून बनने से रोक सकता है। इसके बाद आप पार्ट के तमाम नेता केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा को शक्तिविहीन कर दिया। आप सरकार इसमें भड़की हुई है।
The Government of National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2021 passed by Lok Sabha pic.twitter.com/wGsFqRR1yw
— ANI (@ANI) March 22, 2021
इस बिल के अनुसार, दिल्ली में सरकार का मतलब ‘एलजी’ होगा और विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक को मंजूरी देने की ताकत उसी के पास होगी। बिल में यह भी प्रवाधान किया गया है कि दिल्ली सरकार को शहर से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले उपराज्यपाल से सलाह लेनी होगी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक, 2021 क्या है?
इस बिल के अनुसार, दिल्ली में सरकार का मतलब ‘एलजी’ होगा और विधानसभा से पारित किसी भी विधेयक को मंजूरी देने की ताकत उसी के पास होगी। बिल में यह भी प्रवाधान किया गया है कि दिल्ली सरकार को शहर से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले उपराज्यपाल से सलाह लेनी होगी। इसके अलावा विधेयक में कहा गया है कि दिल्ली सरकार अपनी ओर से कोई कानून खुद नहीं बना सकेगी।
अरविंद केजरीवाल को क्यों है दिक्कत ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस विधेयक को राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का अपमान बताया है। केजरीवाल सरकार द्वारा इस मामले पर अन्य दलों का समर्थन मांगा गया है। दरअसल यह विधेयक अगर कानून बनता है तो दिल्ली सरकार को किसी भी कार्रवाई से पहले LG से अनुमति लेना अनिवार्य हो जाएगा। यही कारण हैं कि आम आदमी पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है। इस कारण AAP विपक्षी पार्टियों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है।
RS passes GNCTD amendment Bill. Sad day for Indian democracy
We will continue our struggle to restore power back to people.
Whatever be the obstacles, we will continue doing good work. Work will neither stop nor slow down.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 24, 2021
सरकार के अधिकार हो जाएंगे सीमित
इस एक्ट के तहत दिल्ली में चुनी हुई सरकार के अधिकार सीमित किए गए हैं। इस बिल के आ जाने के बाद दिल्ली विधानसभा खुद ऐसा कोई नया नियम नहीं बना पाएगी जो उसे दैनिक प्रशासन की गतिविधियों पर विचार करने या किसी फैसले की जांच करने का अधिकार देता हो। इस बिल के बाद के बाद अधिकारियों को काम की आजादी मिलेगी। इससे उन अधिकारियों का डर खत्म होगा जिन्हें समितियों की तरफ से तलब किए जाने का डर रहता था ।
They (BJP) want to run the government through the LG. Then, what's the need for an elected govt? We had forced them to send the Bill to the Select Committee but they didn't agree, then, Opposition walked out of the House: Mallikarjun Kharge, LoP Rajya Sabha on passage of NCT Bill pic.twitter.com/fhJhIP9OFu
— ANI (@ANI) March 25, 2021
लोकसभा में 22 मार्च को पास हो चुका बिल
लोकसभा में 22 मार्च को NCT एक्ट पास हो चुका है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने इसे पेश किया था। यह बिल चुनी हुई सरकार के मुकाबले उपराज्यपाल के अधिकारों को बढ़ाता है। बिल में प्रावधान है कि दिल्ली सरकार को कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले LG की राय लेना जरूरी होगा।