म्यांमार: सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध में उतरे युवा

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यंगून । म्यांमार में सैन्य विद्रोह के बाद हालात दिन ब दिन बदतर होते जा रहे हैं। सैनिक शासन के खिलाफ सड़को पर उतरने वाले 285 लोग सेना की गोलियों का शिकार हो चुके हैं औऱ करीब 3000 को अब तक हिरासत में लिया जा चुका है। सेना की गोली से मरने वालों ज्यादातर छात्र हैं, एक सात साल की बच्ची भी गोली का निशान बनी। अब छात्रों और युवाओं के हाथों में भी हथियार आ गए हैं और कई जगह गुरिल्ला युद्ध के नजारे सामने आ रहे हैं।
फिलहाल वहां सर्वोच्च नेता आंग सान सू समेत सभी नेता हिरासत में हैं। म्यांमार में सैनिक हर दिन निहत्थे नागरिकों को मारते हैं और आतंकित करते हैं, कुछ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सेना के साथ अपनी शर्तों पर लड़ने के अलावा कोई चारा नहीं है। इसलिए छात्र, पार्टी कार्यकर्ता और कर्मचारी समूह बना कर हथियारों के साथ एक प्रकार के छापामार युद्ध में जुट गए हैं।
शहरों में प्रदर्शनकारियों ने सैन्य छापों से बचाने के लिए बैरिकेड्स का निर्माण किया और मार्च भी किया। नागरिक लड़ाकों की टुकड़ियां जंगलों में युद्ध तकनीकों में प्रशिक्षण ले रही है और सेना की व्यवस्थाओंओं तोड़फोड़ कर ध्वस्त कर रही हैं। फ्रंटलाइन लड़ाके सैंडबैग की आड़ बना रहे है , बांस के बैरिकेड्स लगाए जा रहे है ताकि सेना आसानी से आगे न बढ़ सके।
इस बीच सेना ने बुधवार को 628 प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया है। जेल के बाहर बसों से निकलते हुए इन युवाओं ने तीन उंगलियों के निशान दिखा कर संघर्ष जारी रखने का इशारा किया।

लग रही पाबंदियां

म्यांमार में एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के विरोध में बढ़ते जनाक्रोश पर की जा रही हिंसक कार्रवाई के बाद से अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बढ़ रहा है । सैन्य सरकार पर और अधिक प्रतिबंध लगाए। कई देश इस बारे में भी विचार कर रहे हैं कि वैश्विक निंदा के आदी हो चुके म्यांमार के सैन्य अधिकारियों को किस प्रकार हटाया जाए।
अमेरिका ने म्यांमार सेना से जुड़ी दो कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू की है।
म्यांमार इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन (एमईसी) और म्यांमार इकोनॉमिक होल्डिंग्स लिमिटेड (एमईएचएल) को ब्लैकलिस्ट कर उनकी संपत्तियों को अमेरिका फ्रीज कर सकता है।
इसके पहले अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ और कनाडा भी म्यांमार के सैन्य जनरलों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। अभी सेना के व्यापारिक हितों को निशाना नहीं बनाया गया था। म्यांमार की अर्थव्यवस्था पर सेना का काफी नियंत्रण है। इसमें शराब और सिगरेट से लेकर दूरसंचार,खनन और रियल एस्टेट शामिल हैं।

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