द लीडर हिन्दी: हिन्दी सिनेता जगत के पहले सुपर स्टार और ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार की 100 वीं जयंती के अवसर पर 20 से अधिक शहरों के 30 सिनेमा घरों में उनकी सुपरहिट रहीं फिल्मों को फिर से रिलीज किया जा रहा है।
दिलीप कुमार की राजनीतिक करियर से जुड़ा एक किस्सा याद आता है। जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता उत्तर प्रदेश के तीन और उत्तराखंड के एक बार मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी 1991 के लोकसभा चुनाव नैनीताल लोकसभा सीट से लड़ रहे थे। उनके विपक्ष में भाजपा प्रत्याशी बलराज पासी थे।
तब बरेली की बहेड़ी विधानसभा सीट नैनीताल लोकसभा में आती थी। बहेड़ी विधानसभा मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक थी। एनडी तिवारी ने मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए फिल्म स्टार दिलीप कुमार एक जनसभा बहेड़ी में रखी। जनसभा में दिलीप कुमार को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी।
जनसभा में मतदाताओं को पता चला कि दिलीप कुमार का असली नाम यूसुफ खान है। यहां की जनता को दिलीप कुमार का नाम बदलना अच्छा नहीं लगा। चुनाव में बहेड़ी की जनता ने एनडी तिवारी के पक्ष में मतदान नहीं किया। इसका असर यह हुआ कि भाजपा के प्रत्याशी बलराज पासी कांग्रेस प्रत्याशी एनडी तिवारी से पांच हजार से अधिक वोट चुनाव जीत गए।
बाकी सभी विधानसभाओं ने एनडी तिवारी की जीत हुई लेकिन बहेड़ी विधानसभा से हार गए। तब एनडी तिवारी ने बयान दिया था कि वह दिलीप कुमार की वजह से चुनाव हार गए। अगर दिलीप कुमार की बहेड़ी में जनसभा न कराई होती तो वे जीत जाते।
बहेड़ी विधानसभा को छोड़कर बाकी सभी विधानसभाओं से एनडी तिवारी चुनाव जीते थे। तब यह बयान काफी सुर्खियों में रहा था।