द लीडर हिंदी, लखनऊ | संसद के हंगामेदार मानसून के खत्म होने के बाद विपक्ष को एकजुट करने के लिए सोनिया गांधी खुद मैदान में उतर आईं हैं। इसके लिए सोनिया विपक्ष के कई बड़े नेताओं के संग बैठक भी करेंगी। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी डिनर पर विपक्षी नेताओं को न्योता दे सकती हैं।
इनमें ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल है। सूत्रों का कहना है कि भी इसकी तारीख तय नहीं है कि न्योता कम दिया जाएगा। खास बात यह है कि सोनिया गांधी की डिनर पार्टी ऐसे समय आयोजित हो रही है जब हाल ही में कपिल सिब्बल ने विपक्षी नेताओं को डिनर पर आमंत्रित किया था।
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, कांग्रेस चाहती है कि विपक्ष की एकजुटता को और अधिक मजबूत किया जाए और आने वाले चुनावों तक इसे बनाए रखें। सोनिया की कोशिश है कि 2024 लोकसभा इलेक्शन तक BJP के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष तैयार हो। माना जा रहा है कि इस रणनीति पर विपक्षी पार्टियां भी सहमत हैं। अगले साल UP में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी योगी सरकार के खिलाफ कांग्रेस मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में है।
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विपक्ष को एकजुट रखना बड़ी चुनौती
संसद का मौजूदा सत्र जिस तरह हंगामेदार रहा इसमें विपक्षी नेताओं की एकजुटता भी दिखी। विपक्ष किसी हद तक सरकार को घेरने में कामयाब भी दिखा। ऐसे में विपक्ष की एकजुटता को बनाए रखना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। इसकी कमान खुद सोनिया गांधी ने अपने हाथ में ले ली है।
पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी अपने जन्मदिन पर विपक्षी नेताओं को डिनर पर बुलाया था। इसमें ऐसे कई नेता शामिल हुए थे जो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर असंतोष जता चुके हैं। सोनिया गांधी की चिंता इसे लेकर भी बढ़ी हुई है।
ममता और राहुल भी कर चुके हैं मीटिंग
हाल ही में ममता बनर्जी और शरद पवार ने विपक्ष के अलग-अलग नेताओं से मुलाकात की थी। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मानसून सेशन के दौरान 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं को ब्रेकफास्ट पर बुलाया था। बसपा और आम आदमी पार्टी के नेता इस ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी में शामिल नहीं हुए।
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कपिल सिब्बल के घर पर विपक्ष की बैठक
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी हाल में शरद पवार, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना के संजय राउत, तृणमूल के डेरेक ओ ब्रायन और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला के साथ मीटिंग की थी। इसमें भाजपा के पूर्व सहयोगी अकाली दल और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल को भी बुलाया गया था। इस दौरान गांधी परिवार का कोई नेता मौजूद नहीं रहा।
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राहुल गांधी समेत करीब 15 विपक्षी दलों ने मार्च निकाला
सेशन खत्म होने के बाद गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत करीब 15 विपक्षी दलों ने संसद से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। इस दौरान विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र की मर्यादा भंग करने का आरोप लगाया। राहुल ने कहा कि राज्यसभा में पहली बार सांसदों को पीटा गया। शिवसेना, राकांपा, राजद, समाजवादी पार्टी, DMK और अन्य विपक्षी दलों का कहना था कि राज्यसभा में बुधवार को लोकतंत्र की हत्या कर दी गई।
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लंबे समय बाद संसद पहुंचीं सोनिया
सोनिया गांधी पिछले काफी समय से संसद और सार्वजनिक कार्यक्रम से दूर थीं। मानसून सत्र में भी वह दिखाई नहीं दी थीं। हालांकि मंगलवार और बुधवार को वह संसद पहुंची। वहां वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय सभा में भी शामिल हुईं।
वक़्त से पहले ख़तम हुआ मानसून सत्र
गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र बुधवार को अपने घोषित समय से दो दिन पहले अचानक खत्म हो गया। कई वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब राज्यसभा स्पीकर वेंकैया नायडू ने समापन भाषण नहीं दिया और सत्र को खत्म कर देना पड़ा।
कांग्रेस समेत विपक्षी दल खफा है कि आखिर क्यों संसद सत्र को तय वक्त से दो दिन पहले खत्म कर दिया गया। उनकी मांगों पर संसद में चर्चा नहीं कराई गई। अब वो संसद के बाहर सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने वाले हैं। बताया जा रहा है कि इसी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सांसदों की बैठक बुलाई है।
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