म्यांमार में सरकार और सेना के बीच हाल के चुनावों को लेकर चले आ रहे तनाव के बीच आज तड़के आंग सान सू की व सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है. देश के राष्ट्रपति को भी हिरासत में लिए जाने की खबर है. म्यांमार की सेना ने देश पर नियंत्रण कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद सेना ने देश में एक महीने का आपातकाल घोषित कर दिया है. सेना ने कहा है कि सैन्य कमांडर-इन-चीफ मिन आंग ह्लाइंग को सत्ता सौंपी जा रही है. इस कार्रवाई का मकसद सेना द्वारा तख्तापलट बताया जा रहा है. (Aung San Suu Kyi Detains )
सत्तारूढ़ पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के पार्टी प्रवक्ता के अनुसार आज सुबह आंग सान सू को अन्य नेताओं के साथ सुबह किसी अज्ञात जगह पर ले जाया गया है. एनएलडी प्रवक्ता मियो न्योंट ने बताया कि सू की, राष्ट्रपति विन म्यिंट और अन्य नेताओं को सुबह के शुरुआती घंटों में लिया गया. उन्होंने अपने समर्थकों से ऐसे नाजुक मौके पर भी कानून के दायरे में ही रहने की अपील भी की.
गौरतलब है कि एनएलडी द्वारा हालिया चुनावों में जीत हासिल करने के बाद सत्ता में आयी थी. 2015 में बड़ी चुनावी जीत के बाद सत्ता में आने वाली आंग सान सू को लम्बे वक़्त तक घर में ही नजरबंद रखा गया था. सेना द्वारा चुनावों में धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. हालांकि म्यांमार के चुनाव आयोग ने चुनावों के साफ़-सुथरा होने का हवाला देते हुए कहा था कि इसमें फर्जीबाड़े जैसा कुछ नहीं हुआ है. म्यांमार के संविधान के अनुसार देश की संसद की 25 फीसदी सीटें सेना के लिए रिजर्व हैं और कुछ अहम् सरकारी विभागों पर भी उसी का नियंत्रण रह करता है.
राजधानी रंगून में सिटी हॉल के बाहर भारी तादाद में सैन्य बल तैनात किया गया है. सरकारी टीवी, एमआरटीवी, के प्रसारण को बंद कर दिया गया है. एमआरटीवी ने तकनीकी कारणों से प्रसारण बंद किये जाने की बात कही है. इससे पहले सेना द्वारा तख्तापलट किये जाने के कयासों के बीच शनिवार को सेना ने बयान जारी कर कहा था कि सेना देश के संविधान के मुताबिक ही काम करना जारी रखेगी.
सेना द्वारा नजरबंद किये जाने के बाद वैश्विक स्तर पर चर्चा बटोर चुकी सू की पिछले सालों रोहिंग्या मुद्दे को लेकर चर्चित हैं. रोहिंग्या मुद्दे ने दुनिया भर में आंग सान सू की और म्यांमार की छवि को काफी खराब किया है. (Aung San Suu Detains)
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