नई अफगान सरकार की स्थापना के लिए शनिवार को तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल पहुंच गए। यहां वे नई सरकार के गठन के सिलसिले में तालिबान सदस्यों के अलावा अन्य राजनेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएफपी को बताया, ” मुल्ला बरादर एक समावेशी सरकार के गठन के लिए जिहादी नेताओं और अन्य राजनेताओं से मिलने के लिए काबुल में होंगे।”
मुल्ला बरादर ने कतर से सी-17 एयरक्राफ्ट से आध्यात्मिक महत्व के शहर कंधार में उतरने का फैसला किया। यह शहर 90 के दशक में तालिबान के पहली बार सत्ता में आने के दौरान समूह की राजधानी था।
सत्ता में वापसी करने वाले तालिबान ने घोषणा की है कि उनका शासन इस बार “अलग” तरह का होगा।
तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के मुखिया बरादर को 2010 में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन तीन साल पहले ट्रंप प्रशासन के अनुरोध पर जेल से रिहा कर दिया गया, क्योंकि यह समूह शांति वार्ता करने के लिए तैयार था। बरादर ने ही अमेरिकी सेना के वापसी के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
तालिबान के काबुल पर नियंत्रण करने के साथ ही बरादर को अफगानिस्तान के भविष्य के नेता के रूप में देखा जाने लगा था।