कानपुर में तेज़ी से पैर पसार रहा वायरल बुखार : अब तक 18 की गई जान

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द लीडर हिंदी, लखनऊ | कानपुर शहर में बुखार का कहर हावी होता जा रहा है। इससे अब तक 18 लोगों की मौत हो चुकी है। कल्याणपुर के कुरसौली गांव में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां रविवार तक 6 मौतें हो चुकी हैं। DM के आदेश के बाद अब चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) खुद अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे और मच्छर के लार्वा खत्म करने के लिए दवा का छिड़काव करवाया।

अभी तक 18 लोगों की मौत 

कानपुर में पिछले 24 घंटे में 6 लोगों ने बुखार से दम तोड़ दिया, जिसमें 4 बच्चे शामिल हैं। शहर में वायरल फीवर से मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग और हैलट अस्पताल प्रशासन के द्वारा किए जा रहे प्रयास नाकाफी दिखाई दे रहे हैं। कानपुर में अब तक डेंगू के 40 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं।


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‘समय बर्बाद कर रहे मरीज’

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि, जब मामला गंभीर हो जा रहा है तो बच्चों को इलाज के लिए लाया जा रहा है। लोग घर या प्राइवेट अस्पतालों में समय बर्बाद कर रहे हैं। इससे इलाज में दिक्कत आ रही है। बच्चों या वयस्कों के इलाज की सभी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। मौतें कैसे हो रहीं इस पर विभागाध्यक्ष से जानकारी ले रहे हैं।

मरीजों से सरकारी अस्पतालों में सभी बेड फुल

कानपुर में आलम यह है कि यहां सरकारी अस्पतालों में सभी बेड फुल चुके हैं। वहीं निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ओपीडी में एक दिन में सैकड़ों बुखार से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। वही डेंगू भी लगातार बढ़ता जा रहा है।


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एंटी लार्वा का छिड़काव

घरों में रखे कूलरों और गमलों में दवा का छिड़काव कराया जा रहा है। बुखार के रोगियों की मलेरिया, डेंगू और कोरोना आदि की जांच कराई जा रही है। लक्षण मिलने पर सैंपल डेंगू जांच के लिए भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार एंटी लार्वा का छिड़काव कर रही हैं।

कुरसौली गांव में कर्फ्यू जैसा माहौल

लगातार हो रहीं मौतों से कुरसौली में कर्फ्यू जैसा माहौल हो गया है। बहुत से लोग अपने घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए हैं, तो कुछ लोग घर छोड़कर दूसरी जगह जाने लगे हैं। जिन घरों में लोग हैं भी तो वहां किसी ने किसी को बुखार है। गांव वालों का कहना है कि इतना सन्नाटा तो इस गांव में कोरोना के समय भी नहीं हुआ था।


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CHC में सुविधाएं नहीं, ब्लड टेस्ट भी नहीं होते

कुरसौली गांव में बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में स्वास्थ्य सुविधाएं भी अच्छी नहीं हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यहां अच्छी सुविधाएं होती तो शायद उन 6 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। यहां बने सरकारी हेल्थ सेंटर में खून की जांच की सुविधा भी नहीं है। यहां से ब्लड सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजे जाते हैं। ऐसे में रिपोर्ट आने में 3-4 दिन लग जाते हैं। तब तक मरीज की हालत बिगड़ जाती है।

गांव वालों में हुई डेंगू की पुष्टि

कुरसौली गांव में अभी कम से कम 200 लोग बुखार की चपेट में हैं। इनमें से 28 से ज्यादा लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। हालात बिगड़ती देख DM के आदेश पर गांव में मेडिकल कैंप लगाया गया है।

निजी डॉक्टरों ने रविवार को भी क्लीनिक खोले

निजी डॉक्टरों के यहां भी बुखार के मरीजों की भरमार है। यहां रविवार को भी क्लीनिक खुले रहे। इंदिरानगर में अपना क्लिनिक चलाने वाले जनरल फिजिशियन डॉ एसके अवस्थी का कहना है कि एकदम से इतने मरीजों का आना किसी बड़ी समस्या की तरफ इशारा करता है।


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