मोदी कैबिनेट ने दी ‘एक देश एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी, आगे का सफर क्या होगा आसान?

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द लीडर हिंदी: भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली टीम ने वन नेशन वन इलेक्शन की संभावनाओं पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसे आज बधवार सर्वसम्मति से मंजूर कर दिया गया है.मोदी कैबिनेट ने ‘एक देश एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी दी है.बता दें सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि केंद्रीय कैबिनेट ने ‘एक देश, एक चुनाव’ पर बनाई उच्च स्तरीय कमेटी की सिफ़ारिशों को मंज़ूर कर लिया है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में कई अहम फ़ैसले लिए गए हैं. अश्विनी वैष्णव ने कहा, “वन नेशन वन इलेक्शन में जो हाई लेवल कमेटी बनाई गई थी, उसकी सिफ़ारिशों को आज केंद्रीय कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है. 1951 से 1967 तक चुनाव एक साथ होते थे. उसके बाद में 1999 में लॉ कमिशन ने अपनी रिपोर्ट में ये सिफ़ारिश की थी देश में चुनाव एक साथ होने चाहिए, जिससे देश में विकास कार्य चलते रहें.

” “चुनाव की वजह से जो बहुत खर्चा होता है, वो न हो. बहुत सारा जो लॉ एंड ऑर्डर बाधित होता है, वो न हो.एक तरीके से जो आज का युवा है, आज का भारत है जिसकी इच्छा है कि विकास जल्दी से हो उसमें चुनावी प्रक्रिया से कोई बाधा न आए. “उन्होंने कहा, “समय-समय पर देश में एक साथ चुनाव कराने के सुझाव दिए जाते रहे हैं. इसलिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई थी.

इस समिति ने सभी राजनीतिक पार्टियों, जजों, अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले बड़ी संख्या में विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर के ये रिपोर्ट तैयार की है. आज भले ही एक देश एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई हो लेकिन इसके बाद आगे का सफर आसान नही होने वाला है. क्योकि इसके लिए संविधान संशोधन और राज्यों की मंजूरी भी जरूरी है, जिसके बाद ही इसे लागू किया जाएगा.https://theleaderhindi.com/jammu-and-kashmir-assembly-elections-know-what-percentage-of-voting-took-place-till-1-pm/