फ्रांस में मध्यावधि चुनाव, धुर दक्षिणपंथियों को इतिहास रचे जाने की उम्मीद

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द लीडर हिंदी : पाकिस्तान,ईरान के बाद आज रविवार को फ़्रांस में आम चुनाव हो रहे हैं. जिसके नतीजे ऐतिहासिक हो सकते हैं, क्योंकि आधुनिक समय में दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली अभूतपूर्व रूप से सत्ता के क़रीब पहुंचती नज़र आ रही है.यह अनुमान जताया जा रहा है कि नाजी युग के बाद, सत्ता की बागडोर पहली बार राष्ट्रवादी एवं धुर-दक्षिणपंथी ताकतों के हाथों में जा सकती है. दो चरणों में हो रहे संसदीय चुनाव सात जुलाई को संपन्न होंगे. चुनाव परिणाम से यूरोपीय वित्तीय बाजारों, यूक्रेन के लिए पश्चिमी देशों के समर्थन और वैश्विक सैन्य बल एवं परमाणु शस्त्रागार के प्रबंधन के फ्रांस के तौर-तरीके पर काफी प्रभाव पड़ने की संभावना है.

वही मैरीन ली पेन और जॉर्डन बारडेला की पार्टी नेशनल रैली यूरोपीय चुनावों में जीत के बाद के तीन हफ़्तों में हुए चुनावी सर्वे में काफ़ी आगे रही है.इस अहम चुनाव में 4.9 करोड़ मतदाताओं में मतदान प्रतिशत अधिक रहने की उम्मीद की जा रही है.यह दो चरणों का चुनाव है और अगले रविवार को दूसरे चरण के बाद ही नेशनल असेंबली की 577 सीटों पर अंतिम फैसला होगा.इस चुनाव में प्रचार केवल 20 दिन ही चला और इसका भी नेशनल रैली को फ़ायदा हुआ, जिसने अप्रवासन, अपराध और असुरक्षा को लेकर अपने मौजूदा रुख़ में तेज़ी से परिवर्तन किया.साथ ही पार्टी ने जीवन यापन के संकट को दूर करने के लिए टैक्स में कटौती की बात कही है. जॉर्डन बारडेला नेशनल रैली के फ़र्स्ट प्राइम मिनिस्टर बनना चाहते हैं और उनकी पार्टी पहले चरण में दर्जनों क्षेत्रों में अपनी सीधी जीत को लेकर आश्वस्त है.

लेकिन उनका कहना है कि वो तभी इस पद को स्वीकार करेंगे जब उनकी पार्टी 289 सीटों के पूर्ण बहुमत को हासिल करेगी. अगर ऐसा नहीं होगा तो त्रिशंकु संसद होगी और यह उनके लिए हार होगी.रविवार की शाम जैसे ही पहले चरण के नतीजे आते हैं, नेशनल पार्टी के विरोधी तय करेंगे कि अंतिम लड़ाई में वे पूरे फ़्रांस में किसका समर्थन करेंगे, ताकि पूर्ण बहुमत हासिल करने की नौबत न आए