इंजीनियर राशिद की जमानत पर बोली महबूबा मुफ़्ती, हज़ारों नौजवान जो जेलों में इसी तरह बंद हैं…

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द लीडर हिंदी : घाटी में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर आतंकी फंडिंग मामले में जेल में बंद कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद को मंगलवार दिल्ली की विशेष एनआईए की पटियाला हाउस कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. उन्हें ये जमानत जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए मिली है, जिसके तहत कोर्ट ने उन्हें 2 अक्टूबर तक राहत दी है. जिसको लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती की प्रतिक्रिया आई है.

एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “काश इंजीनियर राशिद को पार्लियामेंट सेशन के दौरान बेल मिल गई होती, जिससे वो अवाम की बात कर पाते. (मंगलवार को) उन्हें चुनाव के दौरान वोट माँगने के लिए रिलीज़ किया गया, अच्छी बात है. लेकिन हज़ारों नौजवान जो जेलों में इसी तरह बंद हैं, उन्हें भी ज़मानत मिले, उन्हें रिलीज़ करें.” महबूबा मुफ़्ती कहती हैं, “इस घटनाक्रम पर शक होता है.

नौजवान जो जेल में हैं, उनके मां-बाप को भी उनसे मिलने नहीं दिया जाता है. और इंजीनियर राशिद ना केवल खुद जेल से चुनाव लड़े, उन्हें उम्मीदवार ढूंढने की भी ज़रूरत नहीं पड़ती है. उन्हें वोट काटने के लिए मैदान में उतारा गया है. वो तो खुद जेल में थे तो ये उम्मीदवार किस एजेंसी ने चुनाव में उतारे?” दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को बारामूला सांसद इंजीनियर राशिद को 2 अक्टूबर तक अंतरिम ज़मानत दी है.

इंजीनियर रशीद को ‘आतंकवाद की फ़ंडिंग’ के आरोप में यूएपीए के तहत साल 2019 में गिरफ़्तार किया गया था. रशीद अवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापकों में से एक हैं.https://theleaderhindi.com/whose-attitude-is-sharpest-in-waqf-law-from-raddobal-to-bareilly-hyderabad/